राजस्थान का गुलाबी शहर जयपुर भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। इस जगह से प्यार करने के एक नहीं बल्कि कई कारण हैं। इस शहर में आपको राजस्थान के राजसी इतिहास को जानने का मौका मिलेगा। जयपुर की सड़कों पर चलते हुए आपको इसके पुराने समय के इतिहास और जीवनशैली के बारे में पता चलेगा।
जयपुर में कई शानदार किले, महल और हवेली हैं जो अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए मशहूर हैं। साथ ही इस शहर में आपको और भी कई खूबसूरत जगहें देखने को मिलेंगीं। ऐसी ही एक शानदार जगह में से एक है गलताजी मंदिर जोकि जयपुर से महज़ 10 किमी की दूरी पर एक छोटे-से गांव खनिया बालाजी में स्थित है।
गलताजी मंदिर का विवरण
अरावली की पहाड़ियों पर गलताजी मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित है और यहां से आपको पूरे जयपुर शहर का खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलेगा। 16वीं शताब्दी से ये स्थाून हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल बना हुआ है। इसे दीवान राव कृपापरम द्वारा बनवाया गया था जोकि राजपूत शासक सवाई जय सिंह के सलाहकार थे।
गलताजी मंदिर का विवरण
इस मंदिर को गुलाबी पत्थरों से बनाया गया है। मंदिर के खंभों और छत पर सुंदर नक्काशी की गई है। इस एक मंदिर में कई अन्य छोटे मंदिर हैं जिसमें हनुमान जी को समर्पित मंदिर मुख्य मंदिर माना जाता है। यहां पर भगवान राम और भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिर भी स्थापित हैं।
मंदिर के आसपास का पूरा वातावरण हरा-भरा है और यहां पर झरने और प्राकृतिक सौंदर्य की छटा हर ओर बिखरी हुई है। इस मंदिर को इस तरह से बनाया गया है कि ये मंदिर कम और एक शानदार महल ज्यादा रखता है जिसका धार्मिक महत्व है।PC: China Crisis
गलताजी मंदिर
गलताजी मंदिर को बंदरों का मंदिर भी कहा जाता है क्योंकि मंदिर के आसपास यहां असंख्य बंदरों का डेरा रहता है। संध्या के समय मंदिर के दर्शन करना सही रहेगा क्योंकि इस समय आपको आसपास कई बंदर भी घूमते नज़र आएंगें।PC: Ikram.md
मंदिर का प्राकृतिक झरना
इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण है मंदिर में प्राकृतिक रूप से बहता हुआ झरना। ये पवित्र झरना ऊंचे पर्वत से बहता हुआ मंदिर में आकर गिरता है। इसका पानी सात विभिन्न कुंड और तालाबों में गिरता है एवं इनमें से एक गलता कुंड को सबसे अधिक पवित्र और महत्वलपूर्ण माना जाता है क्यों कि इस कुंड का पानी कभी सूखता नहीं है। इन कुंड और तालाबों में तीर्थयात्री और श्रद्धालु दर्शन करने से पूर्व स्नान भी करते हैं।
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मंदिर के दर्शन करने का सही समय
इस मंदिर में हिंदू त्योहार मकर संक्रांति का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और इस अवसर पर यहां पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की भीड़ दर्शन को उमड़ती है। इसलिए गलताजी मंदिर के दर्शन करने का सबसे सही समय 14 से 15 जनवरी के बीच है।
मंदिर के द्वारा भक्तों के लिए पूरा दिन खुले रहते हैं। धार्मिक महत्वी के अलावा ये स्थान फोटोग्राफर्स के लिए भी महत्वपूर्ण है। आप भी यहां आकर खूबसूरत वादियों के बीच अपनी तस्वीरें खिंचवा सकते हैं।
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कैसे पहुंचे जयपुर
वायु मार्ग : जयपुर हवाई अड्डा सबसे निकटतम एयरपोर्ट है। सांगनेर में स्थित गलताजी मंदिर से इसकी दूरी महज़ 23 किमी है। ये हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों जैसे बैंगलोर, मुंबई और कोलकाता से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग : गलताजी मंदिर का सबसे समीपस्थ रेलवे स्टेशन जयपुर रेलवे स्टेशन है जोकि भारत के बड़े शहरों से लेकर छाटे गांवों से भी जुड़ा हुआ है। दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई, पटना, उदयपुर, लखनऊ, लुधियाना जैसे कई शहर जयपुर से जुड़ हैं।
सड़क मार्ग : दिल्ली-जयपुर हाईवे से आप दिल्ली से जयुपर आ सकते हैं। दिल्ली के अलावा जयपुर, राजस्थान के अन्य पड़ोसी राज्यों से भी जुड़ा हुआ है और यहां के रास्ते भी पूरी तरह से व्यवस्थित और सुरक्षित हैं।PC: Politvs