हरिहर, पुष्पाद्रि, ब्रह्माद्रि और हरिष्नाचल के चार पर्वतों से मिलकर बना है मुंबई के राजगढ़ जिले में स्थित हरिहरेश्वर शहर। इस शहर को देवघर के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है देवों का घर। इस शहर में भगवान शिव के अनेक मंदिर हैं।
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ये शहर उस जगह पर स्थित है जहां सावित्री नदी अरब सागर में जाकर मिलती है। मुंबई से 200 किमी दूर स्थित ये जगह पुणे से 170 किमी दूर है। इसके पीछे पश्चिमी घाट है। कोंकण तट पर दीवेगर और श्रीवर्द्धन तटों के साथ ही है हरिहरेश्वर तट जहां वीकेंड पर आप छुट्टियां बिता सकते हैं।
हरिहरेश्वर आने का सही समय
हरिहरेश्वर आने का सही समय अक्टूबर से मार्च तक है। इस दौरान यहां का मौसम काफी ठंडा और सुहावना रहता है। अगर आप हरिहरेश्वर में गणेश चतुर्थी उत्सव की धूम देखना चाहते हैं तो आपको सितंबर के महीने में आना चाहिए।PC:Rajarshi MITRA
हरिहरेश्वर से मुंबई का रूट
छेद्दा नगर - बैंगलोर-मुंबई राजमार्ग - एसएच 92 - एनए 66 - माणगांव में एसएच 97 - एमएच एसएच 99 - जसावली-निगडी-हरिहरेश्वर रोड़ - हरिहरेश्वर
मुंबई से हरिहरेश्वर 202 किमी दूर है और इस सफर में आपको 4 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा।
नवी मुंबई
मुंबई के एक्स्टेंशन की तरह काम करता है नवी मुंबई जोकि 22 किमी दूर है। 2 मिलियन की आबादी के साथ नवी मुंबई में स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए कई दर्शनीय स्थल हैं।
नवी मुंबई में कई उपनगर जैसे महापे, नेरुल, वशी आदि हैं। इन उपनगरों में पांडवकड़ा झरना, पारसिक पर्वत और वंडर पार्क जैसे कई दर्शनीय स्थल हैं।PC:Anurupa Chowdhury
दुरशेत
नवी मुंबई से दुरशेत शहर 55 किमी दूर है। अंबा नदी के तट पर स्थित इस शहर का ऐतिहासिक महत्व भी है। कहा जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस क्षेत्र में युद्ध लड़ा था।
दुरशेत में शिवाजी महाराज के अधीन दो किले सुधागढ़ और सरसगढ़ आते हैं। ये ट्रैकिंग के लिए लोकप्रिय हैं। मुंबई और पुणे से रेगुलर ट्रैकिंग क्लब इन किलों पर ट्रैक प्लान करते हैं।PC:Aditya Patawari
कोलाड रिवर राफ्टिंग
हरियाली से घिरे इस शहर में बहुत सारी खूबसूरत जगहें देख सकते हैं। इस शांतिमय गांव में कुंडालिका नदी भी बहती है जहां आप व्हाइट रिवर राफ्टिंग का मज़ा ले सकते हैं।
पानी का बहाव तेज होने पर 12 किमी के क्षेत्र में ही रिवर राफ्टिंग करवाई जाती है। कोलाड़ में रिवर राफ्टिंग के अच्छे ऑफर मिल जाएंगें।PC:Balaji Photography
आगे पढ़ें हरिहरेश्वर के दर्शनीय स्थलों के बारे में।
हरिहरेश्वर तट
हरिहरेश्वर तट इस शहर का मुख्य आकर्षण है। स्वच्छ और शांतिमय इस तट पर पर्यटकों को आकर काफी खुशी होती है।
इस तट पर कई छोटी दुकानें और रिजॉर्ट हैं जहां आप रूक सकते हैं।
PC:Ankur P
वॉटर स्पोर्ट्स का मज़ा
हरिहरेश्वर तट पर आप कई तरह के वॉटर स्पोर्ट्स जैसे कायाकिंग, बनाना बोट राइड और स्पीड बोटिंग आदि कर सकते हैं। यहां से कुछ किलोमीटर दूर दीवेएगर बीच पर भी आप पैराग्लाइडिंग और पैरासेलिंग का मज़ा ले सकते हैं।
ऑफबीट डेस्टिनेशन होने के कारण यहां आपको वॉटर स्पोर्ट्स सुविधाएं काफी कम कीमत में मिल जाएंगीं। पर्यटकों के लिए यहां कई लोकल दुकानें ये सुविधाएं देती हैं।PC:Mike Prince
हरिहरेश्वर मंदिर
सुंदर तट के पास ही स्थित है हरिहरेश्वर मंदिर। इसमें भगवान कालभैरव और भगवान शिव को समर्पित दो मंदिर हैं।
देशभर से श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां भगवान कालभैरव को भगवान शिव का ही अवतार माना जाता है। 16वीं शताब्दी में बने इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग अत्यंत प्राचीन है।
PC:Massimo Montorfano
गणेश गुल्ली
दो पहाड़ों के बीच स्थित इस संकरी जगह का नाम भगवान गणेश के नाम पर रखा गया है। इस 3 फीट चौड़ी जगह को काफी पवित्र माना जाता है और इसका आध्यात्ममिक महत्व भी है।
यहां पर स्थित मूर्ति लगभग 30 फीट तक समुद्र में डूबी रहती है। लेकिन पानी के कम बहाव के दौरान मूर्ति को साफ तौर पर देखा जा सकता है।
Siddhesh Mangela
श्रीवर्द्धन तट
श्रीवर्द्धन के प्राचीन शहर पर शाही पेशवा राजवंश का राज हुआ करता था। शहर में इसके महान शासक पेशवा बालाजी विश्वनाथ की विशाल मूर्ति भी स्थापित है।
हरहिरेश्वर से कुछ किलोमीटर दूर ही स्थित है श्रीवर्द्धन तट। चमकती हुई रेत और साफ नीले पानी से भरे श्रीवर्द्धन तट पर भी काफी कम लोग आते हैं। यहां से सूर्यास्त और सूर्योदय का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है।PC:Ankur P