भारत एक अद्भुत देश है जो घने जंगलों, ऊंचे पहाड़ों और शानदार जलप्रपातों जैसे प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ है। भारत में विविध प्रकार के वन्य जीव भी विशेष रुप से मौजूद हैं।
वन्य जीव को संरक्षित करने और पर्यटकों को इन जगहों पर जाने और देश के बहुमूल्य खजाने से अवगत करवाने के लिए सरकार द्वारा इन जानवरों और पक्षियों के लिए कई अभयारण्य बनाए गए हैं।
अब भारत में लीजिये रात में जंगल सफारी का मजा
इस आर्टिकल के ज़रिए आज हम आपको उन अभयारण्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में काफी कम लोगों को पता है।अगर आपको जानवरों और पक्षियों से प्यार है तो भारत में रहते हुए आपको इन जगहों की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
वन्य जीवों का बसेरा, मध्य प्रदेश: भाग 1!
वैसे तो इनमें से अधिकतर जगहें पूरे साल खुली रहती हैं, लेकिन आपको यह सलाह दी जाती है कि इन अभयारण्यों की यात्रा यहां के प्रवासी समय पर ही करें क्योकि इस समय कई प्रजातियों के दुर्लभ और लुप्तप्राय पक्षियों को भी देखा जा सकता है।
थाटेकड अभयारण्य, केरल
थाटेकड का अर्थ होता है "समतल वन"। यह एक बेहद छोटा अभयारण्य है जो सिर्फ 25 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और कोच्चि से लगभग 64 किमी दूर है। यह एक सदाबहार जंगल है जो पेरियार नदी की कई सहायक नदियों के बीच स्थित है, ये नदी केरल की सबसे बडी नदी है।
थाटेकड में 500 से ज्यादा प्रजातियां हैं, जैसे की मालाबर ग्रे हॉर्नबिल, ऑरेंज-स्पिड थ्रष, पीला-ब्रॉस्ड बुलबुल, ब्राउन-गाइक फुलवेत्ता, एमेरल्ड-हरे कबूतर तो केवल यहा के कुछ ही पक्षियो के नाम है।ये अभयारण्य पूरे साल सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है और यहां का प्रवेश शुल्क मात्र 10 रुपये है।
समसापुर अभयारण्य, उत्तर प्रदेश
सालोन, उत्तर प्रदेश के पास रायबरेली जिले में स्थित समसापुर एक पक्षी अभयारण्य है जो 1987 में स्थापित किया गया था। अभयारण्य में 250 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां हैं, 11 मछलियों की प्राजातियां हैं और आम, महूवा और शिशाम जैसे पेड़ भी हैं।
नवम्बर से मार्च की सर्दियों के महीनों के बीच समसापुर जाने वाले प्रवासी पक्षियों में से कुछ पक्षी हैं - ग्रेलेज गोज, उत्तरी शोवेरल, पिंटेल और कॉमन टील और कुछ पक्षियों को साल भर देखने जाया जा सकता है जैसे कि यूरेशियन स्पूनबिल, लेसर व्हिसलिंग डक और किंगफिशर बर्ड।
पुलिकट झील अभयारण्य, आंध्र प्रदेश
पुलिकट झील भारत का दूसरा सबसे बडा पश्चजल है, जो आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित है। फ्लेमिंगो यहां की सबसे अधिक प्रवासी पक्षियों की प्रजाति है जो पुलिकट के पास पाई जाती है, ये करीबन 15,000 की तादाद में हर साल झील के पास आते हैं।
फ्लेमिंगो के अलावा पुलिकट झील ओपन-बिल स्टॉर्क और ग्रे पेलिकन का घर है जोकि यहां पूरे साल पाए जाते हैं। प्रवासी पक्षी जैसे काले-पुंछ वाले गौडविट्स, रीफ होरोन्स आदि, हर साल शरद ऋतु के दौरान झील में झुंड बनाकर रहते हैं। ये अभयारण्य प्रात: 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
चिंतामणी कर अभयारण्य, पश्चिम बंगाल
कलकत्ता शहर से सिर्फ 20 किमी दूर स्थित, चिंतामणी कर पक्षी अभयारण्य एक पसंदीदा सप्ताहांत गंतव्य है। यह स्थान अपने पक्षियों, तितलियों, ऑर्किड और फर्न्स के लिए जाना जाता है। यह पक्षियों की दुर्गम प्रजातियों का घर है, जैसे कि ग्रे रंग के सिर वाली ईगल मछली, नीले रंग के गले वाली फ्लाईकेचर, धारी वाले गले के वुडपेकर आदि।
अभयारण्य के जंगलों में जैकफ्रुट, तामारिंड, पेरू, फिकस जैसे पेड़ भी उपल्बध हैं, क्योकि यह एक परित्यक्त बाग है।
टिकट- समय
प्रति माह 40 रुपये प्रति हेड के प्रवेश शुल्क के साथ यह सुबह 7 बजे से शाम के 4 बजे तक खुला रहता है.
नल सरोवर अभयारण्य, गुजरात
नवम्बर से फरवरी के महीनों के दौरान 200 से अधिक सुंदर पक्षियों की प्रजातियों के झुण्ड नल सरोवर पर देखने को मिलते हैं। यह गुजरात के अहमदाबाद से लगभग 65 किमी की दूरी पर स्थित है और यह अप्रैल 1969 में स्थापित किया गया था।
रोसी पेलिकन, फ्लोमिंगो, व्हाइट स्टॉर्क, रूडी शेल्डक जैसे पक्षियों के अलावा यह अभयारण्य लुप्तप्राय जानवरों जैसे जंगली गधा और ब्लैकबैक का भी घर है।
नल सरोवर के अंदर एक खूबसूरत झील है जिसमें पक्षियों को देखने जाने वाले पर्यटकों के लिए नौकायन सुविधाएं उपल्बध हैं।
समय - टिकट
अभयारण्य सुबह 6 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला होता है और प्रवेश शुल्क 60 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया है.
नवाबगंज पक्षी अभ्यारण्य, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में स्थित, नवाबगंज एक आर्द्रभूमि है जोकि 250 प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान है। ये पक्षी पडोसी स्थानों जैसे साइबेरिया, यूरोप, हिमालय और चीन में पाये जाते हैं।
इस अभयारण्य में उड़ान भरने वाले कुछ प्रवासी पक्षियों में लाल-क्रस्टेड पोकार्ड, कूट, जंगली बत्तख, कॉटन टील शामिल हैं और यहां पाए जाने वाले निवासी पक्षियों में मोर, व्हाईट इब्ज, भारतीय रोलर, चित्रिक सारक, इत्यादि शामिल हैं।
नजफगढ अपवाहिका अभयारण्य, दिल्ली
अभयारण्य दक्षिण-पश्चिम दिल्ली से गुज़रता हुआ नजफगढ़ शहर में स्थित है।नजफगढ की अपवाहिका यमुना नदी की एक सहायक नदी है और इस अभयारण्य का नाम इसी अपवाहिका नदी के नाम पर रखा गया है। यह पेंटेड स्टॉर्क, ब्लैक-टेउल गॉडविट, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क और शर्ज क्रेन जैसी तकरीबन 5000 पक्षियों की प्रजातियों का घर है।
पक्षियों के अलावा, अभयारण्य में सियार, लोमडी, साही और नीलगाय को भी देखा जा सकता है।नजफगढ पक्षी अभयारण्य का दौरा करने का सबसे अच्छा समय शीतकालीन है।चूंकि यह दिल्ली जैसे बेहद बड़े शहर में है इसलिए यह अभयारण्य सप्ताहांत यात्रा के लिए लोकप्रिय माना जाता है।