पूरी दुनिया में इंसानों द्वारा कई खूबसूरत और यादगार इमारते बनाईं गईं हैं। सदियों पुरानी इन इमारतों की सुंदरता और महत्व आज भी बना हुआ है। आर्किटेक्ट और कलाकारों ने दूसरे महान कलाकारों से प्रेरणा लेकर कुछ ऐसी अनोखी रचनाएं की जिसे देखकर सभी चकित रह गए।
भारत एक ऐसा देश है जिस पर सालों तक कई महान और शक्तिशाली राजवंशों का शासन रहा है और आज भी आप उनकी संस्कृति, परंपरा, इमारतें और जीवनशैली के स्वरूप को देख सकते हैं।
अगर इतिहास में है दिलचस्पी तो सैर करें भारत की 500 साल पुरानी ऐतिहासिक इमारतों की
दुनियाभर में भारत की कुछ इमारतें जैसे ताज महल, कुतुब मीनार आदि मशहूर हैं और भारत की कुछ ऐसी इमारते भी हैं जो दिखने में विदेशी इमारतों जैसी लगती हैं। कहा जा सकता है कि इन भारतीयों इमारतों को बनाने के लिए विदेशी स्मारकों से प्रेरणा ली गई है। आज हम आपको भारत की ऐसी ही 6 इमारतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें विदेशी स्मारकों की तरह बनाया गया है।
कुतुब मीनार - मीनार ए पाकिस्तान
स्कूल के समय से ही हम कुतुब मीनार के बारे में पढ़ते आ रहे हैं और यह इमारत पाकिस्तान की मीनार ए पाकिस्तान इमारत के जैसी दिखती है। कुतुब मीनार से अलग मीनार ए पाकिस्तान को 1960 में मुगल और आधुनिक शिल्पकला से बनाया गया है।
दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है और इसे 1192 में लाल रंग के बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है। ये शानदार इमारत दिल्ली सल्तनत के पहले शासक कुतुबुद्दीन एबक द्वारा बनवाई गई थी।PC: Steve Evans
बहाई मंदिर - ओपेरा हाउसनाइट
दिल्ली के बहाई मंदिर बहाई में आस्था रखने वाले लोग पूजा करते हैं। अन्य बहाई मंदिरों की तरह ये मंदिर भी सभी धर्मा के लोगों के लिए खुला है। इस मंदिर की संरचना कमल के फूल के आकार में की गई और यही इस मंदिर को आकर्षण का केंद्र बनाता है।
ये मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित की जा चके सिडनी के ओपेरा हाउस जैसा दिखता है। ओपेरा हाउस में कई तरह की कलाओं का प्रदर्शन होता है और ये 20वीं सदी के प्रसिद्ध स्थलों में से एक है।
बहाई मंदिर सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुला रहता है। इस मंदिर में एंट्री निशुल्क है और यह सोमवार के दिन बंद रहता है।PC:Travis Wise
इंडिया गेट - आर्क डे ट्रिऑम्फे
दिल्ली के केंद्र में 1921 में इंडिया गेट बनवाया गया था एवं इसे प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों और सैनिकों की याद में बनवाया गया था। इस इमारत का ढांचा पैरिस के आर्क डे ट्रिऑम्फे जैसा दिखता है। पैरिस के आर्क डे ट्रिऑम्फे को 1806-36 के बीच बनवाया गया था।
युद्ध में शहीद हुए 13,000 ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इंडिया गेट की स्थापना हुई थी। इंडिया गेट में प्रवेश के लिए कोई समय सीमा नहीं है और यहां प्रवेश भी निशुल्क है। आप सप्ताह के किसी भी दिन इंडिया गेट देखने जा सकते हैं।
PC:Steven dosRemedios
विलोंग खुल्लेन - स्टोनेहेंज
हम सभी ने इंग्लैंड के स्टोनेहेंज के बारे में सुना है लेकिन हम में से कितने लोग मणिपुर के विलोंग खुल्लेन के बारे में जानते हैं। इंग्लैंड के स्टोनेहेंज पूर्व ऐतिहासिक इमारतों में से एक है जिसे वर्ल्ड ऑफ वंडर्स में शामिल किया गया है। ये रिंग के आकार में बने 13 फीट ऊंचे पत्थर हैं
मणिपुर की विलोंग खुल्लेन जगह के बारे में अब तक काफी कम लोगों को ही पता है। यहां पर भी बेतरतीब ढ़ंग से कई पत्थर खड़े हुए हैं।
ये सभी पत्थर आकार और स्वरूप में एक-दूसरे से अलग हैं और ये भी इंग्लैंड के स्टोनेहेज की तरह रहस्यमयी तरीके से खड़े हैं। यहां पर 135 से ज्यादा खंभे हैं और उनमें से कुछ 10 फीट ऊंचे हैं।
PC: Boychou
जामा मस्जिद - बादशाही मस्जिद
दिल्ली की अन्य खूबसूरत और ऐतिहासिक इमारत है जामा मस्जिद जोकि भारत की सबसे बड़ी और सुंदर मस्जिदों में से एक है। इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था। जामा मस्जिद की बनावट पाकिस्तान की बाशाही मस्जिद जैसी है और इसे खुद शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने लाहौर में बनवाया था।
लाल और सफेद बलुआ पत्थरों से मस्जिद को बनाया गया है और इसमें एकसाथ हज़ारों श्रद्धालु आ सकते हैं। दो आक्रमण होने के बाद भी जामा मस्जिद आज मजबूती से खड़ी है और आज भी ये भारत की प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।PC: Travis Wise
कुंभलगढ़ किले की दीवार - द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना
र्इंटों, लकड़ियों और पत्थरों से मिलकर बनी है दुनिया की मशहूर द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना। ये दीवार चीन में स्थित है और इसका नाम दुनिया के सात अजूबों में शामिल है। इस दीवार की लंबाई हज़ारों किलोमीटर है।
इसी तरह कुंभलगढ़ किले की सुरक्षा के लिए भी एक दीवार बनाई गई थी जिसे ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया कहा जाता है। इस दीवार को बाहरी आक्रमणों से किले की सुरक्षा के लिए बनाया गया था। लंबाई में तो ये लंबाई में तो ये द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना वॉल ऑफ चाइना जितनी लंबी नहीं है लेकिन इसकी चौड़ाई 36 किमी है जोकि द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के ही आसपास है।PC: Aayushsomani