सिंधु घाटी सभ्यता से ही भारत दुनिया का प्रमुख राजनीतिक और व्यापारिक केंद्र रहा है। भारत में मौजूद हजारों पुरातात्विक स्थल इस बात के सबूत हैं, कि भारत अपने बृहद भौगोलिक आकार के साथ कितना समृद्ध रहा होगा। भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित ये स्थल अब भारत के गौरवशाली अतीत की पहचान हैं, जिन्हें देखने के लिए सैलानियों का आवागमन लगा रहता है। आइए इन स्थलों के बारे में जानते हैं गहराई से।
जैसलमेर किला (राजस्थान)
राजपूती राजा रावल जयसल द्वारा इस किले को 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था। जैसलमेर किला भारत के छेनी से कटे हुए किलों में से सबसे उत्कृष्ट माना जाता है। त्रिकूट पर्वत की चोटी पर स्थित ये किला अद्भुत वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है। ये किला भारत के पुरातात्विक अजूबों में से एक है। जैसलमेर के किले को गोल्डन फोर्ट भी कहा जाता है, क्योंकि इस किले को बनाने में पीले बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। वैज्ञानिक रूप से पीला रंग सूर्य की किरणों को रेखांकित करता है जिससे इस किले की दीवारें ठंडी रहती हैं। भारत के इस पुरातात्विक अजूबे को देखने आप आ सकते हैं।Pc:Manoj Vasanth
नालंदा यूनिवर्सिटी ( बिहार )
दुनिया की सबसे प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में से एक है नालंदा यूनिवर्सिटी, जहां पर हज़ारों शिक्षक और छात्र कई विषयों जैसे दवाएं, ज्योतिष, विज्ञान, व्याकरण आदि का ज्ञान प्राप्त करते थे। पांचवी शताब्दी में शक्रादित्य के शासनकाल में बनी नालंदा यूनिवर्सिटी दुनिया में शिक्षा प्राप्त करने का प्रमुख केंद्र हुआ करती थी। इसमें कई कक्ष और विशाल पुस्तकालय और कई लैबोरेट्री बनी हुईं थी। लेकिन बाद में इस प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी द्वारा आक्रमण कर आग लगवा दी गई। आज इस यूनिवर्सिटी के केवल अवशेष और खंडहर ही बचे हैं।
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खजुराहो मंदिर ( मध्य प्रदेश )
दसवीं शताब्दी में राजपूतों द्वारा बनवाया गया इमारतों का ये समूह, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। इसे भी भारत के प्रमुख पुरातात्विक अजूबों में गिना जाता है। खजुराहों का मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और बेहतरीन नक्काशीदार पत्थरों की मूर्तियों के लिए पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध हैं। खजुराहो मुख्यत : अपनी कामूक मूर्तियों के लिए जाना जाता है। बता दें कि ये ऐतिहासिक स्मारक हिंदू और जैन धर्म को समर्पित है। हालांकि, वास्तुकला का ये उत्कृष्ट उदाहरण किसी भी धर्म से परे हैं। आज इस संरचना की देखरेख आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा की जाती है और इसका नाम वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में भी शामिल है।Pc:Liji Jinaraj
हंपी ( कर्नाटक )
कर्नाटक का इतिहास है हंपी। हंपी के खंडहरों में आपको भारत के सदियों पुराने इतिहास के बारे में पता चलेगा। इस राज्य के शानदार इतिहास को जानने हर किसी के लिए अद्भुत अनुभव होता है। हंपी में कभी विजयनगर राजवंश का शासन हुआ करता था और ये विजयनगर राजवंश की राजधानी भी हुआ करती थी। निर्माण काल से हंपी एक महत्वपूर्ण शहर रहा है। आज हंपी एक पुरातात्विक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है जहां हज़ारों खंडहर हो चुकी ऐतिहासिक संरचनाएं मौजूद हैं। रथ के रूप में मंदिरों से लेकर सिविल इमारतों तक, ये पुरातात्विक स्थल कई इतिहासकारों का दूसरा घर माना जाता है।
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कोणार्क सूर्य मंदिर ( उड़ीसा )
यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल ये मंदिर भारत के पुरातात्विक अजूबों में से एक है। कोणार्क के सूर्य मंदिर को 13वीं शताब्दी में गंगा राजवंश के शासनकाल के दौरान बनवाया गया था। आज अपने खूबसूरत वास्तुकला के कारण पर्यटकों के बीच ये मंदिर बहुत मशहूर है, और अगर आप इतिहास प्रेमी हैं तो आपको इस जगह जरूर आना चाहिए।
ये मंदिर सूर्य भगवान को समर्पित है और ये उनके रथ के रूप में बना है। रथ के रूप में बने मंदिरों में सूर्य कोर्णाक मंदिर सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है। इसमें 12 जोड़े के पहियों हैं, जो दीवारों के आस-पास मंदिर के बाहरी भाग पर देखे जा सकते हैं। इस मंदिर का हर एक कोना अपनी उत्कृष्ट कला की कहानी को बयां करता है। इन रोचक कहानियों को सुनने और जानने के लिए आप सूर्य मंदिर आ सकते हैं।
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