पाखल वन्यजीव अभयारण्य तेलंगाना का एक खूबसूरत वन्यजीव अभयारण्य है, जो यहां की पाखल झील के आसपास लगभग 860 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। पाखल लेक एक मानव निर्मित झील है, जो इस वन्य क्षेत्र को संवारने का काम करती है। इस झील का निर्माण 1213 ईसवी में यहां के काककीय राजवंश के करवाया था। इस अभयारण्य के आसपास फैली पहाड़ियां इस स्थल को और भी शानदार बनाने का काम करती हैं।
यह राष्ट्रीय उद्यान राज्य के चुनिंदा खास पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। एक समृद्ध जैव-विविधता के साथ पाखल वन्यजीव अभयारण्य विभिन्न जीव-वनस्पतियों के लिए भी जाना जाता है। यह एक आकर्षक स्थान है, जहां आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ आ सकते हैं। इस लेख के माध्यम से जानिए इस अभयारण्य से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
पाखल की जलवायु
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पाखल वन्यजीव अभयारण्य सालभर उष्णकटिबंधीय जलवायु के साथ बना रहता है, यहां का तापमान 15 डिग्री से लेकर 45 डिग्री तक पहुंच जाता है। मार्च से लेकर मई के बीच यहां अत्यधिक गर्मी महसूस की जा सकती है।
मानसून के आने पर गर्मी से राहत और मौसम काफी खुशमुना हो जाता है। यहां वर्षा 1225 मीटर तक हो जाती है। सर्दियों के दौरान यहां जीव और विभिन्न वनस्पतियों को अच्छी तरह देखा जा सकता है।
आने का सही समय
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पाखल वन्यजीव अभयारण्य घूमने का सही समय नवंबर से लेकर जून का महीना है । अप्रैल से तापमान बढ़ना शुरू होता है और जून तक 45 डिग्री तक पहुंच जाता है, लेकिन पाखल वन्यजीव अभयारण्य अपनी झील और पहाड़ी परिदृश्य के साथ खुशनुमा बना रहता है। आप इस दौरान आकर यहां की रोमांचक सैर का आनंद ले सकते हैं।
वन्यजीवन
यह अभयारण्य विभिन्न वनस्पतियों के साथ-साथ असंख्य जीव-जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने का काम करता है। आप यहां वनस्पतियों में बांस के पेड़, टीक और अन्य सदाबहार वृक्षों को देख सकते हैं। वन्यजीवों में आप आप यहां भालू, सांभर, चार सींगों वाला हिरण, निल गाय, चितल, काला हिरण, तेंदुआ, लकड़बग्गा, जगंली कुत्ता, लंगूर आदि को देख सकते हैं। अगर आपकी किस्मत अच्छी रही तो आप यहां बाघ और चीते को भी देख सकते हैं।
जंगली जीवों के अलावा आप यहां देशी पक्षियों के साथ प्रवासी पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को देखने का मौका प्राप्त कर सकते हैं। जलीय जीवों में सांप, मगरमच्छ आदि को भी देखे जा सकते हैं।
कैसे करें प्रवेश
पाखल वन्यजीव अभयारण्य तेलंगाना राज्य के वारंगल क्षेत्र के अंतर्गत है, जहां आप तीनों मार्गों से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा हैदराबाद एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप यहां के वारंगल रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं।
अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों से वारंगल दक्षिण भारत के कई बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
अन्य आकर्षण
पाखल वन्यजीव अभयारण्य के अलावा आप तेलंगाना के वारंगल जिले के अन्य आकर्षणों की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। वारंगल दक्षिण भारत का एक ऐतिहासिक स्थल है जहां आज भी अतीत से जुड़े साक्ष्यों को देखा जा सकता है। आप यहां के भ्रमण के दौरान वारंगल किले की सैर कर सकते हैं।
यह एक प्राचीन किला है जिसका निर्माण 13 शताब्दी के दौरान काकतीय राजा गणपति देवा ने कराया था। इसके अलावा आप यहां हजार स्तंभों वाला मंदिर, काकतीय रॉक गार्डन, रामप्पा लेक, काकतीय म्यूजिकल गार्डनके अलावा भद्रकाली मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं।