देश की शान के नाम से भी जाना जाने वाला, प्रेम का सबसे प्रसिद्द और महान चिन्ह हर रोज़ लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं, आगरा स्थित ताजमहल की इस महान रचना को मुग़ल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। आज के समय में इस भव्य रचना को सिर्फ अपने देश भारत में ही नहीं पूरे विश्व में प्रेम के सबसे बड़े चिन्ह के रूप में जाना जाता है।
आपने ताजमहल तो कई बार देखा होगा, लेकिन दिन में क्या कभी ताजमहल का दीदार आपने रात में किया है..जी हां पूर्णिमा की रात में।कहते है कि, पूर्णिमा की रात में ताजमहल दूध की तरह चाँद की रोशनी में नहाकर बेहद ही खूबसूरत नजर आता है।
तो क्या राजपूतों को हराकर, शिव मंदिर तोड़ने के बाद हुआ था ताजमहल का निर्माण
रात में ताजमहल का दीदार सिर्फ महीने में पांच दिन ही किया जा सकता है..जिसमें पूर्णिमा की रात और पूर्णिमा के पहले और बाद में दो रात शामिल हैं। इन सभी पहलुओं, तारीखों और ताज को देखने के लिए रात का समय भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा तय किया जाता है।