भारत के कर्नाटक राज्य में मंदिरों की कमी नहीं है, यहां कई सारे मंदिर है, जिनकी अपनी एक अलग पहचान है और इन्हीं खासियत के चलते इनकी प्रसिद्धी भी खूब है। इन्हीं में से एक है हम्पी का विट्ठल मंदिर, जो 16वीं शाताब्दी की अद्भुत संरचना है। यहा एक हिंदू मंदिर है और भगवान विट्ठल यानी कि भगवान विष्णु को समर्पित है।
हम्पी, कर्नाटक का इतना सुंदर धार्मिक स्थल है कि आप अगर एक बार यहां जाएंगे ना तो खूबसूरती देख यहां की जगहों में खो जाएंगे। हम्पी, कर्नाटक का एक ऐसा शहर है, जहां पर्यटकों की आवाजाही लगी रहती है। हम्पी के इन तथ्यों को सही साबित करता है यहां का विट्ठल मंदिर, जिसकी खूबसूरती, जटिल नक्काशियां और शानदार वास्तुकला यहां स्थित किसी भी अन्य संरचना के अनुरूप नहीं है। तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित यह मंदिर मूल दक्षिण भारतीय द्रविड़ मंदिरों की स्थापत्य शैली का प्रतिनिधित्व करता है।
संगीतमय स्तंभों के लिए प्रसिद्ध है विट्ठल मंदिर
विट्ठल मंदिर का निर्माण 16वीं शाताब्दी में राजा देवराय द्वितीय के शासनकाल में करवाया गया था और यह मंदिर विजयनगर साम्राज्य द्वारा अपनाई गई शैली का प्रतीक है। इस मंदिर के अलंकृत स्तंभों, बारीक नक्काशियों और रंगा मंडप के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में 56 संगीतमय स्तंभ है, जो पर्यटकों का खासा आकर्षित करते हैं। इन स्तम्भों को थपथपाने पर संगीत सी ध्वनि सुनाई देती है।
गर्भगृह में रखी है मूर्तियां
मंदिर के मूर्तियों को भीतर के गर्भगृह में रखा गया है, जहां सिर्फ केवल मुख्य पुजारी ही प्रवेश कर सकते हैं। जबकि मंदिर का छोटा गर्भगृह आम जनता के लिए खुला है, वहीं स्मारकीय सजावट बड़े गर्भगृह में देखी जा सकती है। इस मंदिर के परिवेश में मौजूद एक पत्थर का रथ है, जो मंदिर के आकर्षण को बढ़ाता है। परिसर की पूर्वी दिशा में स्थित यह रथ वजनदार होने के बावजूद इसके पत्थर के पहियों की मदद से इसे स्थानांतरित किया जा सकता है। मंदिर परिसर के भीतर कई मंड़प, छोटे मंदिर और विशाल कक्ष भी बनाए गए हैं।
कैसे पहुंचें विट्ठल मंदिर
विट्ठल मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा बेल्लारी में है, जो मंदिर से करीब 65 किमी. दूर स्थित है। वहीं, मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन होस्पेट जंक्शन है, जो मंदिर से करीब 10 किमी. की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा सड़ृक मार्ग की बात की जाए तो यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है।