सालभर में कई बार हम अलग-अलग जगहों पर घूमने का प्लान बनाते हैं और वहां पर छुट्टियां मनाकर हमें खूब मज़ा भी आता है। अकसर लोग सर्दी के मौसम में हिल स्टेशन पर बर्फ का मज़ा लेना पसंद करते हैं लेकिन इस बार कुछ आप इस ट्रेंड को बदल कर कुछ अलग कर सकते हैं। आपको कुछ अलग महीनों में घूमकर स्थानीय उत्सवों और त्योहारों का आनंद लेना चाहिए।
वो 12 बातें जो बनाती हैं केरल के कोच्चि को ट्रैवल और टूरिज्म की नज़र में ख़ास
ऐसी ही एक जगह है कोच्चि जहां पर दिसंबर के आखिरी सप्ताह में कोचिन कार्निवल लगता है। इस कोचिन कार्निवल के बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं है लेकिन आपको बता दें कि इस कार्निवल में आपको एक बार तो जरूर ही आना चाहिए। पुराने साल को खुशी से अलविदा कहने का इससे अच्छा और कोई तरीका हो ही नहीं सकता है। नए साल में कदम रखने से पहले कोचिन कार्निवल में आकर लोग खूब जश्न मनाते हैं और गुज़रते साल के हर पल को जीते हैं।
दुल्हन की तरह सजता है कोच्चि
साल के इस आखिरी हफ्ते में कोच्चि को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। आपको बता दें कि कोच्चि को अरब सागर की रानी के नाम से भी जाना जाता है। इस जगह को साल के इस आखिरी सप्ताह का बेसब्री से इंतज़ार रहता है और हर साल यह कार्निवल पहले से बेहतर होता जा रहा है।Pc:laloking97
23 दिसंबर से होती शुरुआत
इस कार्निवल की शुरुआत 23 दिसंबर से होती है और ये नए साल पर 1 जनवरी को खत्म होता है। कोच्चि फोर्ट में आयोजित इस कार्निवल में क्रिसमस के साथ-साथ नए साल का जश्न मनाया जाता है जिससे इसका मज़ा और खुशी दोनों ही दोगुने हो जाते हैं। इस कार्निवल की एक बड़ी ही दिलचस्प रस्म है जिसके अनुसार कार्निवल के दौरान पुर्तगाली रस्म के अंतर्गत हर साल 31 दिसंबर की रात को एक बूढे आदमी का पुतला जलाया जाता है।
क्या है पुर्तगाली कनेक्शन
इस परंपरा की शुरुआत 33 साल पहले सन् 1984 में हुई थी जब एक बूढे यूरोपियन आदममी ने समुद्रतट पर आग में कूद गया था। इस पंरपरा को आगे बढ़ाते हुए स्थानीय लोग एक मंत्री का पुतला बनाते हैं और खुद पर अत्याचार करने के बदले उसे पत्थर मारकर जला देते हैं। ठीक उसी तरह जैसे दशहरा के त्योहार में रावण को जलाया जाता है। ये परंपरा नए साल की शुरुआत से पहले सभी बुराईयों को खत्म करने का प्रतीक है।
कार्निवल की आधिकारिक रूप से शुरुआत वास्को डि गामा स्कवायर पर कार्निवल फ्लैग को लहरा कर की जाती है। आपको बता दें कि ये भी पुर्तगाली पंरपरा का ही एक हिस्सा है। इस फेस्टिवल में कुश्ती, बॉक्सिंग, साइकिल की रेस, कायाकिंग, तैराकी, बीच वॉलीबॉल आदि मुख्य आकर्षण हैं।Pc:officialy page
फैंसी कॉस्ट्यूम और रंग-बिरंगा जुलूस
हर उम्र के लोग फैंसी कॉस्ट्यूम पहन कर पूरे जोश और उत्साह के साथ इस उत्सव में हिस्सा लेते हैं। इस उत्सव की सबसे खास बात है कि नए साल वाले दिन कार्निवल में विशाल जुलूस निकलता है। इसमें पूरे गाजे-बाजे और संगीत के साथ हाथी के साथ जुलूस निकलता है। ये जुलूस शाम 4 बजे से शुरु होकर फोर्ट कोच्चि के 70 फीट रोड़ से होकर रात को समुद्रतट तक पहुंचता है।
वेली ग्राउंड में स्थित विशाल बरगद के पेड़ को इस शहर का सबसे बड़ा क्रिसमस ट्री कहा जाता है। फोर्ट कोच्चि के सभी घरों और इमारतों को लाइटों और रंग-बिरंगी सजावट से फेस्टिव लुक दिया जाता है। वास्को डि गामा स्कवायर और सड़कों पर इस मौके पर पारंपरिक कपड़ों और ज्वेलरी आदि स्टॉल लगती हैं।
कैसे पहुंचे
वायु मार्ग द्वारा : फोर्ट कोच्चि का निकटतम हवाई अड्डा नेदुंबस्सेरी में कोच्चिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जोकि यहां से 37 किमी दूर है। ये एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरों जैसे बैंगलोर, चेन्नई, मुंबई आदि से जुड़ा हुआ है। यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी है...
रेल मार्ग द्वारा : यहां से 12 किमी दूर स्थित ईरनाकुलम जंक्शन निकटतम रेलवे स्टेशन है। ये स्टेशन केरल के आसपास के शहरों और राज्यों और कई बाहरी राज्यों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग द्वारा : इस जगह पहुंचने का सबसे बढिया तरीका सड़क मार्ग है या फिर आप ईरनाकुलम जेट्टी से फोर्ट कोच्चि तक फैरी सर्विस भी ले सकते हैं। ईरनाकुलम से फोर्ट कोच्चि तक कई बसें चलती हैं।
Pc:McKay Savage