दक्षिण भारत का कर्नाटक राज्य पर्यटन के लिए काफी खास माना जाता है। यह दक्षिणी भूखंड ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से काफी ज्यादा समृद्ध है, इसलिए यहां साल भर लाखों की तादाद में पर्यटकों का आगमन होता है। कर्नाटक की यात्रा कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए की जा सकती है। राज्य भ्रमण के दौरान आप यहां के खास बॉटनिकल गार्डन को देखने का भी प्लान बना सकते हैं, जो आपकी यात्रा को मनोरंजक बनाने के साथ-साथ ज्ञानवर्धक भी बनाएंगे।
इस लेख के माध्यम से जानिए कर्नाटक के मैंगलोर स्थित पिलिकुला बॉटनिकल गार्डन के विषय में, जानिए यह आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है, साथ में जानिए यहां के खास आकर्षणों के बारे में।
पिलिकुला बॉटनिकल गार्डन
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पिलिकुला निसर्गा धाम सोसाइटी द्वारा विकसित पिलिकुला बॉटनिकल गार्डन मैंगलोर का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जो जिले के वामंजूर नगर में स्थित है। यह बॉटनिकल गार्डन बहु-उद्देश्य पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है, क्योंकि यहां न सिर्फ आप विभिन्न वनस्पतियों को देख सकेंगे बल्कि आपको कई अन्य आकर्षणों का भी आनंद उठाने का मौका मिलेगा। पिलिकुला तुलू भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है, बाघ की झील। पिलि यानी बाघ और कुला का मतलब झील। विभिन्न प्रकार की सुविधाओं के साथ एक एकीकृत थीम पार्क, पिलिकुला में सांस्कृतिक, शैक्षिक और वैज्ञानिक रुचि के कई आकर्षण हैं।
पिलिकुला सांस्कृतिक, शैक्षिक और वैज्ञानिक रुचि रखने वालों के लिए काफी महत्व रखता है। 35 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला यह बॉटनिकल गार्डन उष्णकटिबंधीय जंगलों से घिरा हुआ है, जहां आप कई अन्य प्राकृतिक आकर्षणों को भी देख सकते हैं।
पिलिकुला झील की सैर
पिलिकुला निसर्गा धाम सोसाइटी ने इस बॉटनिकल गार्डन को प्राकृतिक सौंदर्यता का आनंद उठाने और शांति प्रदान करने के लिए विकसित किया है। पिलिकुला में खूबसूरत बगीचों से घिरी यहां एक खूबसूरत झील भी मौजूद है। जहां आप हंस और बत्तख को झील में तैरते हुए देख सकते हैं। इस झील में नौकायन भी सुविधा उपलब्ध है, जिसके सहारे आप इस उद्यान के खूबसूरत नजारों का आनंद उठा सकते हैं। यहां बड़ी नौका भी उपलब्ध है, जिसमें एक बार में 10 से 15 व्यक्ति सवार हो सकते हैं।
वनस्पति भंडार
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35 हेक्टेयर में फैले पिलिकुला बॉटनिकल गार्डन में 60,000 पौधौं का रोपण किया गया है, जिसमें से 236 पश्चिमी घाटों के फूलों की प्रजातियां मौजूद हैं। इनमें पश्चिमी घाट की 70 स्थानीय प्रजाती भी शामिल है। इस बॉटनिकल गार्डन में वनस्पतियों की कुछ दुर्लभ प्रजाती भी मौजूद हैं, जिसका खास संरक्षण उद्यान प्रबंधन द्वारा किया जाता है। इस गार्डन में लगभग 6 एकड़ में औषधीय पौधों की 460 प्रजातियां भी मौजूद हैं। इसलिए यहां वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेदिक मेडिसिन के छात्रों का दौरा लगते रहता है।
चिड़ियाघर और अन्य आकर्षण
यहां पास में एक बड़ा चिड़ियाघर भी स्थित है, जहां आप विभिन्न जीव-जन्तुओं को आसानी से देख सकते हैं। गार्डन की सैर के दौरान आप इस ज़ू की रोमांचक सैर का आनंद ले सकते हैं। जंगली जीवों में आप यहां बाघ, तेंदुआ, भालू के अलावा सांप और कई पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं। चिड़ियाघर के नजदीक एक वाटर पार्क भी स्थित है, जो कुछ मुंबई वाटर किंगडम की तरह दिखने में लगता है।
इसके अलावा आप यहां पास में स्वामी विवेकानंद 3डी तारामंडल भी देख सकते हैं। इसके अलावा यहां पास में ही एक पिलिकुला गोल्फ कोर्स भी मौजूद है।
आने का सही समय और परिवहन
वैसे तो आप इस बॉटनिकल गार्डन की सैर साल की किसी भी महीने कर सकते हैं, लेकिन यहां आने का आदर्श समम सितंबर से फरवरी के मध्य माना जाता है, इस दौरान आपको यहां कई प्रवासी प्रक्षियों को देखने का मौका भी मिल जाएगा।
आप यहां परिवहन के तीनों माध्यम से आ सकते हैं, यहां का नजदीकी हवाईअड्डा मैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप मैंगलोर रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा आप यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं, बेहतर सड़क मार्गों से मैंगलोर राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।