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वन्य जीवों का बसेरा, मध्य प्रदेश: भाग 1!

वन्य जीवन के मामले में मध्य प्रदेश सबसे समृद्ध राज्य है। वनस्पतियों और जीवों की समृद्धतम विविधता के साथ मध्यप्रदेश भारत के ऐसे चुनिंदा राज्यों मे से एक है, जहां सैर करना प्रकृति-प्रेमियों और छुट्टी पर जानेवालों के लिए एक रोचक अनुभव होता है। घने जंगलों के बीच सफारी यात्रा करते हुए छोटे-छोटे तालाबों से गुज़रते हुए आपको जंगल बुक का अनुभव होगा। जंगल बुक तो आप सबने पढ़ी ही होगी या देखी ही होगी ना? जी हाँ, आपने बिल्कुल सही समझा वही मोगली वाली कहानी, 'चड्डी पहन के फूल खिला है, फूल खिला है' वाली कहानी।

यहाँ वास करने वाले वन्य जीवों की अलग-अलग क्रियाएं, उनका प्रकृति के प्रति प्रेम, ये सब देखने का नज़ारा ही अलग होता है। इन सबके साथ ही आपको आहार श्रृंखला जो आपने स्कूल के दिनों में पढ़ी होगी उसको अपनी आँखों से देखने का अनुभव यहाँ से अच्छा और कहीं नहीं मिलेगा। पर्यटन के क्षेत्र में विकास के लिए मध्यप्रदेश अपने वन्यजीव संसाधनों का बड़ी ही सावधानी और साक्रियता के साथ उपयोग कर रहा है।

हम आपके लिए कुछ ऐसे ही वन्यजीव वास स्थलों की सूचि लेकर आये हैं, जहाँ के नज़ारों को देख आपका मन उत्साह से भर जायेगा और आप खुद ही निकल पड़ेंगे इनका खुद से अनुभव करने। चलिए आज हम इस अंक में आपको मध्य प्रदेश के वन्यजीव राष्ट्रीय उद्यानों से रूबरू कराते हैं।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जो मध्य प्रदेश के मंडला और बालाघाट जिलों में स्थित है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता और वास्तुकला के लिए विख्यात कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के बीच हमेशा से ही आकर्षण का केन्द्र रहा है। यहां पाई जाने वाली मिट्टी के नाम पर ही इस स्थान का नाम कान्हा पड़ा है।

यह अलग-अलग प्रजातियों के पशुओं का घर है। जीव जन्तुओं का यह पार्क 1945 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। जंगल बुक की प्रेरणा इसी स्थान से ली गयी थी।कान्हा राष्ट्रीय उद्यान एक टाइगर रिज़र्व होने के लिए भी पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षण का केंद्र है।

Image Courtesy:Ashishmahaur

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है।सन 1968 में इसे एक राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।इस उद्यान में बाघों की संख्‍या भारत में सबसे अधिक है।इस उद्यान का नाम, बांधवगढ़ का मतलब ही है बाघों का गढ़।

Image Courtesy:Koshyk

माधव राष्ट्रीय उद्यान

माधव राष्ट्रीय उद्यान

माधव राष्‍ट्रीय पार्क एक जंगली क्षेत्र है जो भारत के इतिहास के पन्‍नों में अकबर के शासनकाल के दौरान शिकार से लेकर औपनिवेशक काल तक दर्ज है। माना जाता है कि अकबर ने इस जंगल के हाथियों के पूरे झुंड पर कब्‍जा कर लिया था और उन्‍हे इस जंगल से अपने हाथियों के अस्‍तबल तक ले गए थे।

यह पूरा उद्यान 354 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और यहां फैली हरी - भरी घास झील के किनारे सुंदर दृश्‍य प्रदान करती है।

Image Courtesy:Chitra2016

संजय राष्ट्रीय उद्यान

संजय राष्ट्रीय उद्यान

संजय राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्थित है। सन् 1981 में स्थित यह राष्ट्रीय उद्यान बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांबर, जंगली सूअर, नीलगाय, चिंकारा, सिवेट, साही, गोह और पक्षियों के तीन सौ नौ प्रजातियाँ होने का दावा करता है।

यह उद्यान मुख्यतः साल के पेड़ों से भरा पड़ा है। सन् 2000 में मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद इसका काफ़ी भाग छत्तीसगढ़ राज्य के पास चला गया।

Image Courtesy:Maheshshinde

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान

वन विहार, मध्य प्रदेश में भोपाल का राष्‍ट्रीय उद्यान है और यह शहर के केंद्र में स्थित है। यह पार्क 445 हेक्‍टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे ऐसी जगह बनाया गया है जहां से पूरा शहर साफ दिखाई देता है। यह स्‍थल, भोपाल आने वाले पर्यटकों के बीच विख्‍यात जगह है, हर साल हजारों पर्यटक यहां की सैर के लिए आते है।

Image Courtesy:PurvyK

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के लगभग मध्‍य में खजुराहो से 57 किलोमीटर की दूरी पर पन्ना ज़िले में स्थित है। यह पार्क, राज्‍य का पांचवा और देश का बाईसवां, टाइगर रिजर्व पार्क भी है।

इस पार्क को पर्यटन मंत्रालय के द्वारा देश का सबसे अच्‍छा और कायदे से रखा गया पार्क घोषित किया गया और सम्‍मान से नवाजा गया। बाघों के अलावा, इस राष्‍ट्रीय पार्क में अन्‍य जानवरों व सरीसृपों का भी घर है।

Image Courtesy:Shivamd2d

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान

सतपुड़ा बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले में सतपुड़ा की बीहड़ पहाड़ियों में बसा हुआ है। यह अभयारण्य जैव विविधता से परिपूर्ण है। मध्य प्रदेश की सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ भी अभयारण्य में ही स्थित है। सूखे कांटेदार जंगलों से लेकर उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती, नम पर्णपाती और अर्द्ध सदाबहार जंगलों की जैव विविधता के कारण यह क्षेत्र अद्वितीय है। उद्यान का क्षेत्र वन्य जीवन से समृद्ध है।

जैव सांस्कृतिक विविधता से संपन्न इस 'सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान' की स्थापना वर्ष 1981 में हुई थी। उद्यान का क्षेत्र वन्य जीवन से समृद्ध है।

Image Courtesy:BSSKrishnaS

पेंच राष्ट्रीय उद्यान

पेंच राष्ट्रीय उद्यान

मध्य प्रदेश का पेंच राष्ट्रीय उद्यान विश्व के सबसे बेहतरीन पार्कों में से एक है। यह उद्यान सतपुड़ा की पहाड़ियों के दक्षिणी भाग में स्थित है। इस स्थान का नामकरण पेंच नदी के कारण हुआ है जो कि पेंच राष्ट्रीय उद्यान के साथ-साथ उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है।

यह उद्यान मध्य प्रदेश की दक्षिणी सीमा में महाराष्ट्र के पास स्थित है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा इसे सन् 1983 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया और सन् 1992 में इसे अधिकारिक रूप से भारत का उन्नीसवां टाइगर रिज़र्व भी घोषित कर दिया गया।

Image Courtesy:Mayurisamudre

मंडला संयंत्र जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान

मंडला संयंत्र जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान

मंडला संयंत्र जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य में मंडला ज़िले में स्थित एक पौधों के जीवाश्म का राष्ट्रीय उद्यान है जो मंडला ज़िले के सात गांवों में फैला हुआ है।

Image Courtesy:LRBurdak

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