जैसा कि है हमने अपने पिछले लेख "वन्य जीवों का बसेरा, मध्य प्रदेश: भाग 1!" में आपको बताया था कि वन्य जीवन के मामले में मध्य प्रदेश सबसे समृद्ध राज्य है। यह वन्य जीवों का प्रमुख वास स्थल भी है। वनस्पतियों और जीवों की समृद्धतम विविधता के साथ मध्यप्रदेश पशु प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है।
पिछले अंक में हमने आपको मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों से आपको अवगत कराया था।
आज हम इस लेख में आपको मध्य प्रदेश के प्रसिद्द टाइगर रेज़र्वस से अवगत कराएँगे, जहाँ की यात्रा में आप बाघों की कई अलग-अलग जातियों से रूबरू होंगे। .यहाँ आप इन बाघों की अलग-अलग क्रियाओं के साथ प्रकृति के भी अद्भुत नज़ारों के मज़े ले पाएंगे।
तो चलिए चलते हैं बाघों के इन प्रसिद्द अभ्यारण्यों की यात्रा पर।
कान्हा बाघ अभ्यारण्य
कान्हा का यह बाघ अभयारण्य 2051.74 वर्ग किमी पर फैला है, जिसमें 917.43 वर्ग किमी कोअर, 1134.31 वर्ग किमी बफर जोन और 110.74 वर्ग किमी उपग्रह मिनीकोअर क्षेत्र शामिल हैं। बाघ अभयारण्य के कोअर क्षेत्र में मानवी गतिविधियां प्रतिबंधित की गई हैं और यहां बाघ को आजाद माहौल में घूमते हुए देखा जा सकता है।
इस पार्क से बंजर और हेलॉन नदियां बहती है, जिनमें से हेलॉन बारहमासी है। यहां बनाई गई कई टंकीयां और बांध भी वन्य जीवन के लिए पानी की आपूर्ति के प्रमुख स्रोत हैं। पार्क के अंदर फैला हुआ वन प्रमुखता से उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती प्रकार का है।
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पेंच बाघ अभ्यारण्य
‘पेंच' नदी के नाम से बना और 1992 में गठित यह ‘पेंच बाघ अभयारण्य' सतपुड़ा पर्वत श्रेणियों के दक्षिणी इलाकों में स्थित है। यह 1179.362 वर्ग किमी पर फैला हुआ है, जिसके 411.33 वर्ग किमी क्षेत्र पर अभयारण्य का विस्तार है। यहां से बहती पेंच नदी इस अभयारण्य को छिंदवाड़ा और सिवनी, इन दो जिलों के बीच विभाजित कर देती है।
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बांधवगढ़ बाघ अभ्यारण्य
विंध्य पर्वतमाला के पूर्वी क्षेत्र में स्थित ‘बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य' खजुराहो से लगभग 237 किमी और जबलपुर से 195 किमी की दूरी पर है। पहले बांधवगढ़ के चारों ओर फैले जंगल का रखरखाव रीवा के महाराजा के शिकारगाह के रूप में किया जाता था। बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य के लिए प्रसिद्ध है।
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पन्ना बाघ अभ्यारण्य
मध्यप्रदेश के उत्तर मध्य भाग के वनीय क्षेत्र में पन्ना और छतरपुर जिलों के भीतर 1578.55 वर्ग किमी पर यह बाघ अभयारण्य स्थित है। पन्ना, छतरपुर और बीजार राज्य के तत्कालीन शासकों के शिकार के शौक के लिए वर्ष 1981 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान का गठन किया गया और 1994 में इसे बाघ अभयारण्य घोषित किया गया।
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सतपुड़ा बाघ अभ्यारण्य
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में सतपुड़ा रेंज की बीहड़ पहाड़ियों में सतपुड़ा बाघ अभयारण्य बसा हुआ है। पचमढ़ी और बोरी के वन्यजीव अभयारण्यों के साथ यह बाघ अभयारण्य 2133.30 वर्ग किमी के क्षेत्र पर फैला हुआ है।
राज्य का महत्वपूर्ण हिल स्टेशन पचमढ़ी, इसी पचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य के क्षेत्र में स्थित है। मध्यप्रदेश की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ भी (1352 मीटर) उद्यान के अंदर स्थित है। आम तौर पर पहाड़ी ढलानों वाला यह इलाका घने जंगलों के साथ गहरी और संकरी घाटियां, नालें, आश्रय घाटियों और पानी के झरनों से सजा हुआ है।
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