कभी ना कभी हर कोई तितलियों को देखकर उनके प्रति आकर्षित जरूर होता है। इनके रंग-बिरंगे पंख मानों जिंदगी में नए रंग से घोल देते हैं। सदियों से कवि, लेखक और दार्शनिक अपनी रचनाओं में तितलिओं का जिक्र करते आएं हैं। शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो तितलियों को देखकर खुश ना हुआ हो। तितलियां अपने रंगीन पंखों से आसपास के वातावरण में भी एक रंग सा भर देती हैं।
तितलियां ना केवल सुंदर जीव हैं बल्कि पारिस्थितिकी का भी बेहद अभिन्न अंग हैं। तितलियों की कुछ प्रजातियां परागकणों को निर्मित करती है जिससे पौधों को पनपने में मदद मिलती है।
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आप सालभर में दो बार तितलियों को देख सकते हैं। एक तो मार्च से मई तक और दूसरा सितंबर से नवंबर तक के महीने में तितलियों को देखा जा सकता है। अगर आप लेपिडोप्टेरिस्ट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर या तितलियों को देखना आपका शौक है तो आपको भारत की इन जगहों पर जरूर जाना चाहिए। यहां पर आपको ऐसी खूबसूरत तितलियां दिखेंगीं कि आप आश्चर्यचकित हो जाएंगें।
बैंगलोर
भारत का पहला बटरफ्लाई पार्क बैंगलोर में द बटरफ्लाई पार्क ही है जिसे 2006 में खोला गया था। इसे गार्डन सिटी के नाम से भी जाना जाता है। शानदार तितलियों को देखने के लिए आपको इससे बेहतर जगह और कोई नहीं मिलेगी। ये उद्यान बन्नेरघट्टा नेशनल पार्क में स्थित है और यहां पपर कई संरक्षित तितलियों को संग्रहालय में रखा गया है।
यहां पर कृत्रिम पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत कई झरने और फूलों को लगाया गया है ताकि तितलियों की असंख्य प्रजातियां यहां आराम से रह सकें। इनके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप ऑडियो विजुअल कद्वा में जाकर संग्रहालय में रखी गई तितलियों को करीब से देख सकते हैं। इस उद्यान में आप सुबह के 9.30 बजे से शाम के 5 बजे तक आ सकते हैं। ये पूरे सप्ताह तक खुला रहता है।
PC: Muhammad Mahdi Karim
पुणे
पुणे का बटरर्फ्लाई गार्डन भी खूबसूरत तितलियों के लिए मशहूर है। पुणे को पूर्व का ऑक्सफोर्ड भी कहा जाता है। ये बटर फ्लाई पार्क अरण्येश्वर मंदिर और अरण्येश्वर उद्यान के निकट स्थित है। यहां पर असंख्य पेड़-पौधों के बीव तितलियों की 40-50 प्रजातियों देखने को मिलेंगीं। बहुत कम लोग ही इस जगह के बारे में जानते हैं। यहां पर आपको पीले रंग, टाइगर स्वैलोटेल जैसी कई तितलियां देखने को मिलेंगीं। यहां भारतीय नवाब तितली भी है।
इन तितलियों के अलावा यहां का पार्क भी मुख्य आकर्षण है क्योंकि इसे खासतौर पर तितलियों के रहने के लिए पार्क के रूप में डिज़ाइन किया गया है। बटरफ्लाई गार्डन में आप सुबह के 6 बजे से शाम के 6 बजे के मध्य सप्ताह के सातों दिन कभी भी आ सकते हैं।
PC: Sajeesh Radhakrishnan
मुंबई
मुंबई के पास थाणे के निकट स्थित ओवाले के गांव में एक बटरफ्लाई पार्क है जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं और इसके बारे में आपने बस लोगों के मुंह से ही सुना होगा। ये पूरी जगह धान से घिरी हुई थी लेकिन अब यहां पर 5000 पेड़-पौधे लगे हुए हैं जो तितलियों की 100 से ज्यादा प्रजातियों को आकर्षित करते हैं।
संजय गांधी नेशनल पार्क और यहां की आसपास जगहों से भी तितलियां इस पार्क में आती हैं। स्ट्राइप्ड टाइगर, ब्लूबॉटल, स्वोर्डटेल, क्रिम्सन रोज़ जैसी तितलियों की अनके प्रजातियां मौजूद हैं।
थाणे, मुंबई से काफी नज़दीक है और यहां पर बस, लोकल ट्रेल और कैब द्वारा पहुंचा जा सकता है। थाणे से घोड़बंदर रोड़ की तरफ से ये बस 10 किमी की दूरी पर स्थित है और आप यहां इतवार को भी सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक आ सकते हैं।
PC: May Wong
सिक्किम
दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वतश्रृंख्ला कंचनजंघा, सिक्किम में ही है। सिक्किम की खूबसूरती देखकर आप मंत्रमुग्ध हो सकते हैं। साथ ही ये राज्य सबसे स्वच्छ और जैविक स्थान भी माना जाता है। यहां की खेती, मौसम और इसका अनोखी भौगोलिक जगहें इस जगह को बेहद खास बनाती हैं। यहां पर वनस्पति और जीवों की अनके प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इसके अलावा सिक्किम में 630 प्रकार की तितलियां और 740 प्रजातियों के फूल पाए जाते हैं।
सिक्किम के पूर्व में स्थित फैमबोंग ल्हो वन्यजीव अभ्यारण्य गंगटोक से 30 किमी दूर एक संरक्षित स्थान है। इस जगह पर आपको तितलियों की कई प्रजातियां देखने को मिलेंगीं। इसके अलावा आप यहां रंगीत घाटी और तीस्ता घाटी भी देख सकते हें।