जलाल-उद-दीन-अकबर मुगल साम्राज्य के दौरान महान शासकों में से एक था। जिसने अपने शासन के दौरान कई युद्ध लड़े और जीते भी। अपने शासनकाल के दौरान अकबर ने कई महान काम किये हैं, जिसे हम किताबों में भी पढ़ते हैं, साथ ही अकबर ने अपने शासन काल में कई बेहतरीन वास्तुकला की इमारतें बनवाई, जो आज भी लोगो को हैरान करती है।
राजस्थान का ऐसा किला,जहां से शुरु हुई थी देश की गुलामी की दास्तां
अकबर के साम्राज्य के दौरान बनी इमारते, सभी मुगल शैली के रूप में निर्मित है। इतना ही नहीं अकबर के बेटे शाहजहां ने भी ताजमहल जैसी खूबसूरत इमारत बनाई है, जो लाखो पर्यटकों और अपनीआकर्षित करती है।
अगर इतिहास में है दिलचस्पी तो सैर करें भारत की 500 साल पुरानी ऐतिहासिक इमारतों की
लेकिन आज हम आपको अपने लेख में शाहजहां के बारे में नहीं बल्कि अकबर के द्वारा निर्मित की गयी इमारतों के बारे में बताने जा रहे हैं...अकबर के शासनकाल में बनी इन इमारतों को आपको जीवन में एकबार जरुर देखना चाहिए..
आगरा किला
वर्ष 1638 तक आगरा मुगलों की राजधानी थी, और आगरा का भव्य किला अकबर का निवास स्थल। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल आगरा किला को उसके लाल रंग के चलते इसे लाल किला भी कहते हैं।ताजमलह के बाद यह आगरा का दूसरा विश्व धरोहर स्थल है। इसका निर्माण मुगल बादशाह अकबर ने 1565 में करवाया था। इस किले को बनने में करीब 8 साल लगे थे, और इसे करीबन 4000 मजदूरों ने बनाया था।PC: Unknown
बुलंद दरवाजा
गुजरात पर अपनी बेहतरीन जीत के बाद अकबर ने बुलंद दरवाजे का निर्माण कराया था, जोकि आगरा से करीबन 43 किमी की दूरी पर स्थित है।यह विशाल पत्थर की संरचना पारंपरिक पारसी-मुगल डिज़ाइनों से प्रभावित है। 1601 में गुजरात पर अकबर की जीत को बुलंद दरवाज़े पर उकेरा गया है।
बुलंद दरवाज़े पर बना पारसी शिलालेख अकबर के खुले विचारों को दर्शाता है और इतिहासकारों द्वारा अकसर ही यह विविध परंपराओं और संस्कृति के उदाहरण के रूप में उपयोग किया जाता है। बुलंद दरवाज़ा लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है जिसके अंदरूनी हिस्सों में सफेद और काले संगमरमर की नक्काशी है। सममित योजना और मुंडेर शैली में बनी इस संरचना के ऊपर खंभे और छतरियाँ बनी हैं।
PC:Kuntal Guharaja
मरियम-उज़-ज़मानी पैलेस
मरियम-उज़-ज़मानी पैलेस फतेहपुर सीकरी के मुख्य किला परिसर के भीतर स्थित मरियम-उज़-ज़मानी पैलेस, एक सुदर मुगल थीम वाला महल है जहाँ अकबर की हिंदू पत्नी-जोधा बाई रहती थी। अकबर और उसके बेटे जहाँगीर के शासनकाल में यह सत्ता का स्थान था। ऐसा भी माना जाता है कि उसकी मुस्लिम पत्नी का निवास स्थान होने के कारण इस महल को तुर्की सुलताना हाउस के नाम से भी जाना जाता था। हालांकि, यह छोटे आकार के कारण विवादित है। यह महल अपनी शानदार सजावट और पैतृक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध था। इस संरचना को बनवाने के लिए अकबर ने बहुत सारा पैसा खच्र किया और सबसे अच्छे श्रमिकों को काम पर रखा।PC: Sanyam Bahga
अकबर का मकबरा
8 साल में बने इस मकबरे का निर्माण कार्य अकबर के द्वारा 1605 में शुरू करवाया गया था और उनके बेटे जहांगीर ने इसके निर्माण को 1605 में पूरा करवाया। मकबरे का निर्माण संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से किया गया है और इसमें मुस्लिम और हिन्दू वास्तुशिल्प शैली का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। इसमें प्रयुक्त संगमरमर में खूबसूरत नक्काशी की गई है और इसे आभूषणों से सजाया गया है। इस मकबरे की खासियत इसका दरवाजा है, जिसे बुलंद दरवाजा कहा जाता है। दरवाजे से शुरू होकर एक चौड़ा रास्ता मकबरे तक जाता है। यह दरवाजा एक मेहराब पर बना हुआ है और इसमें संगमरमर से बनी चार मीनारें हैं। देखा जाए तो मकबरे से ज्यादा इसका दरवाजा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।PC:Jorge Láscar
इलाहबाद किला
इलाहाबाद किला का निर्माण 1583 में किया गया था। यह अकबर के द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा किला है। अपने विशिष्ट बनावट, निर्माण और शिल्पकारिता के लिए जाना जाने वाला यह किला गंगा और युमाना के संगम पर स्थित है। इस किले का इस्तेमाल अब भारतीय सेना द्वारा किया जाता है।
पार्क में बलुआ पत्थर से बना 10.6 मीटर का विशाल अशोक स्तंभ भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण 232 ईसा पूर्व किया गया था। पुरातत्त्वविद् और इतिहासकारों के लिए इस स्तंभ का विशेष महत्व है।PC: Anupamg