जब भी कभी आप भारत के दक्षिण में बसे और बेहद चर्चित राज्य तमिलनाडु की कल्पना करते हैं तो कुछ बातें जैसे चिपचिपी गर्मी, उमस, पसीना और तपता हुआ सूरज आपके दिमाग में अपने आप आ जाती होंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि भूगोल की किताबों से लेकर हमारे जानने वालों और परिचितों ने हमको यही बताया है कि ये भारत का एक ऐसा राज्य है जहां साल भर गर्मी पड़ती है। कुछ हद तक लोगों द्वारा तमिलनाडु के सम्बन्ध में बताई गयी ये बातें सत्य भी है।
लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि तमिलनाडु में कई खूबसूरत हिल स्टेशन भी हैं। जी हां इसी क्रम में आज हम आपको अवगत करेंगे राज्य के एक बेहद खूबसूरत हिलस्टेशन येलागिरी से। येलागिरी को एलागिरी भी कहते है, यह तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में बसा हुआ छोटा सा हिल स्टेशन है और इसको पर्यटकों का स्वर्ग भी कहा जाता है। इसका इतिहास प्रवासिय समय का है जब सारा येलागिरी वहां के ज़मीदारों की निजी संपत्ति हुआ करती थी जिनके घर आज भी रेड्दीयुर में मौजूद है।
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1950 दशक के शुरुवात में, भारत सरकार द्वारा येलागिरी ले लिया गया था। यह जगह समुद्र तल से 1048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और आदिवासी आबादी वाले लगभग 14 गांवों का एक समूह यहाँ है। विभिन्न जनजातियों की आबादी वाला यह हिल स्टेशन, तमिलनाडु के अन्य हिल स्टेशन जैसे ऊटी या कोडाइकनाल की तरह विकसित नहीं है। हाल ही में यहाँ के स्थानीय प्रशासन ने येलागिरी को पैराग्लाइडिंग और रॉक क्लाइम्बिंग जैसे खेलों के जरिये यहाँ के पर्यटन को बढ़ावा कोशिश की है।
तो आइये इस आर्टिकल के जरिये जाना जाए कि अपनी येलागिरी यात्रा जो आपको अवश्य देखना चाहिए।
स्वमिमलाई हिल
स्वमिमलाई हिल्स केक के आकार का है। ऊंची चोटियों वाली इन पहाड़ियों का नीचे से भी मजबूत आधार है दिखाई देता हैं। इन पहाड़ियों की सबसे ऊंची चोटी जमीनी स्तर से 4338 मीटर ऊपर है। स्वमिमलाई की पहाड़ियां ट्रेकर्स का सबसे पंसदीद मार्ग हैं। स्वमिमलाई ट्रेक मार्ग 6 किमी के आसपास है। यह मार्ग चोटी की ओर जाता है जहाँ से पूरी पहाड़ियां देखी जाता सकती है। जवादी पहाड़ियां और पल्लामाथि पहाड़ियां स्वमिमलाई हिल्स से करीब हैं जो ट्रैकिंग के प्रसिद्ध मार्गों भी हैं।
पुनगनुर लेक
पुनगनुर झील कृतिम झील है जिसको यहाँ की खूबसूरती बढ़ाने के लिए और ज़यादा से ज़यादा पर्यटकों को आकर्षित करने बनाया गया था। पुनगनुर झील यहाँ का सबसे बड़ा पर्यटक आकर्षण है। यह झील 56.70 वर्ग मीटर में फैली हुई है और येलागिरी पहाड़ियों के बीच में है। झील और नौकाविहार जैसी सुविधाओं की येलागिरी हिल विकास और पर्यटन प्रचार सोसाइटी देख रेख करती है। इस झील में नौकाविहार और नौकायान की सुविधा है जहाँ से पर्यटक इस जगह के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
वेणु बापू सौर वेधशाला
वेणु बापू सौर वेधशाला, सबसे बड़ा सौर वेधशालाओं में से एक जो येलागिरी के पास जवादी हिल्स, कवलुर में स्थित है। इस वेधशाला में जाने के लिए पूर्व अनुमति ज़रुरत पड़ती है। यहाँ इस वेधशाला में वेणु बाप्पू का टेलिस्कोप रखा हुआ है जो एशिया में सबसे बड़ा मन जाता है। यह वेधशाला भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के द्वारा संचालित की जाती है। जो लोग विज्ञान, प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक खोजों के प्रशंसक हैं उनको यहाँ ज़रूर जाना चाहिए।
जलगमपराई झरना
जलगमपराई झरना येलागिरी का एक अन्य आकर्षण है. जो हर साल हज़ारों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। आपको बता दें कि यदि आपको इस झरने तक जाना है तो आपको यहां आने के ट्रैक करना होगा अतः ये जरूरी है कि आप फिट हों, वैसे हमारा सुझाव है कि यदि आप येलागिरी में हों तो यहाँ अवश्य आएं।
हेयर पिन बेंड्स
येलागिरी तक आने कि सड़क अपने 14 हेयर पिन बेंड्स के कारण भी जानी जाती है। इस रोड पर यात्रा करना अपने आप में बहुत ही रोमांचक है। यहाँ जैसे ही आप 12 वें मोड़ पर पहुचेंगे आपको वेधशाला दिखेगी। जो कि यहाँ से देखने में बहुत सुन्दर है। यहाँ आते वक़्त इस बात का ख्याल रखें कि आपके पास एक अच्छी दूरबीन हो जिससे आप यहां के नज़ारे ले सकें।
कुछ चीज़ें याद रखने वाली
यहाँ आए वक़्त इस बात का ख्याल रखें कि आपकी गाडी में तेल भरा हो, आपका टैंक फुल हो। ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ और शहरों की अपेक्षा पेट्रोल पंप कम हैं। अतः हम आपसे यही कहेंगे कि यहां आते वक़्त अपने साथ पेट्रोल और गाडी के टायर अलग से रखें। साथ ही आप अपने साथ दवाएं भी रखना न भूलें। छोटा शहर होने के कारण आपको यहां ज्यादा कुछ नहीं मिल पाएगा।
शॉपिंग और फ़ूड
यूं तो येलागिरी में खरीदारी के लिए ज्यादा कुछ नहीं है लेकिन फिर भी ये अपने कटहल और शहद के लिए जाना जाता है। यदि आप यहां हैं तो इन्हें लेना बिलकुल न भूलें।यदि आप यहां हैं तो फिर येलागिरी के लोकल भोजन का आनंद लेना आप बिलकुल न भूलें।
कैसे जाएं येलागिरी
फ्लाइट द्वारा : येलागिरी से बंगलौर हवाई अड्डा 195 किमी की दूरी पर है और चेन्नई हवाई अड्डा 217 किमी पर स्थित है। इन हवाई अड्डों से आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों रहती है। इन दोनों हवाई अड्डों से येलागिरी के लिए कैब आसानी से मिल जाता है। थोडा बहुत मोल भाव करके आप येलागिरी तक पहुचने के लिए अच्छा सौदा मिल सकता है।
रेल द्वारा : येलागिरी से निकटतम रेलवे स्टेशन जोलार्पेत्तई जंक्शन है जो येलागिरी से लगभग 23 किमी की दूरी पर है। चेन्नई , बैंगलोर और कोयंबटूर से आने वाली ट्रेनें यहां रुकती हैं। जोलार्पेत्तई से येलागिरी तक कैब आसानी से मिल जाती है जिसका किराया लगभग 500 रुपए तक बैठेगा।
सड़क मार्ग द्वारा : आप दोनों, बस और कार से येलागिरी पहुच सकते हैं। येलागिरी पोंनेरी से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। टिरुओअथुर , बंगलौर , चेन्नई , कृष्णागिरि और वनायाम्बदी जैसे प्रमुख शहरों नियमित बस सेवा उपलब्ध रहती हैं। आप बंगलौर , चेन्नई और कोयंबटूर से कार ड्राइव करके भी यहाँ तक पहुच सकते हैं। बंगलौर से आपको कृष्णागिरी की तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग 7 लेना होगा, चेन्नई से आपको राष्ट्रीय राजमार्ग 4 से वेल्लोर की ओर जाना होगा और कोयंबटूर से आप राष्ट्रीय राजमार्ग 47 से आप सालेम जाएँगे जहाँ से आप कृष्णागिरि पहुँच सकते है।