उदयगिरि भारत में वास्तुशिल्प की उत्कृष्ट कृति का एक आदर्श उदाहरण है। वास्तव में इसे प्राकृतिक आनंद और मानव वास्तुकला के एक अनूठे मिश्रण' के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यहां इस जगह खुदाई में प्राप्त बौद्ध मठों, स्तूपों तथा जैन स्थापत्य कलाओं की मौजूदगी इसे ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है।
आमतौर पर 'सूर्योदय हिल्स' के रूप में जाना जाने वाला उदयगिरी, भुवनेश्वर से 85 किलोमीटर दूर स्थित है तथा यहां स्थित 18 गुफाओं के अंदर की गई नक्काशी तथा विशद मूर्तिकला और शिलालेख बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहां इन गुफाओं में मौजूद कई शिलालेख दर्शाते हैं कि इन्हें खारवेल के शासनकाल के दौरान जैन भिक्षुओं के आवासीय प्रयोजनों के लिए पहाड़ियों की चट्टानों को काटकर बनाया गया था।
उदयगिरि तथा नजदीकी पर्यटन स्थल
उदयगिरि में उदयगिरि गुफाओं के नाम से कुल 18 गुफाएं हैं। उदयगिरी से सटी, एक और पहाड़ी खांडागिरि में 15 गुफाएं है। उदयगिरि तथा खांडागिरि दोनों ही उदयगिरि पर्यटन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन दो पहाड़ियों के साथ साथ, लांगुडी पहाड़ी, ललितगिरि और रत्नागिरी भी अपने बौद्ध स्थल के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें ललितगिरि में गौतम बुद्ध के अवशेष हैं। ये आकर्षण से उदयगिरी पर्यटन पर पैसे की कीमत अदा हो जाती है।
उदयगिरि मौसम
उदयगिरि में मौसम को गर्मी, मानसून और शीतकालीन मौसम में विभाजित है। ग्रीष्मकाल, आमतौर पर गर्म और आर्द्र होता हैं, जबकि सर्दियों में कड़ाके की ठंड पड़ती है।
उदयगिरि कैसे पहुंचें
उदयगिरि न केवल उड़ीसा के लिए बल्कि साथ ही पूरे देश के लिए एक धरोहर स्थल है, इसलिए इस जगह पहुंचने में कोई समस्या नहीं है। भुवनेश्वर से निकटता के कारण, पर्यटक हवाई, रेल या सड़क के माध्यम से यात्रा कर सकते हैं, हांलाकि, कटक नजदीकी रेलखंड है। उदयगिरी पर्यटन अक्तूबर से मार्च तक खूब तेजी से बढ़ता है, जब मौसम ठंडा व आकृषक होता है।