ऊना एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो हिमाचल प्रदेश में स्वान नदी के तट पर स्थित है। ऊना का जिला मुख्यालय, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। स्थानीय लोगों के अनुसार, ऊना नाम सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव ने रखा था। हिन्दी में ऊना का अर्थ होता है उन्नति या प्रगति। ऊना को सबसे पहले पंजाब के होशियारपुर जिले में 1972 में शामिल किया गया था।
ऊना धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है जैसे - ड़ेरा बाबा भारभाग सिंह का गुरूद्वारा, द बगाना लैथईन पिपलु और चिंतपूर्णी मंदिर। सिखों में ड़ेरा बाबा भारभाग का गुरूद्वारा पवित्र स्थल माना जाता है। यह ऊना से लगभग 40 किमी. की दूरी पर एक पहाड़ी पर बना हुआ है। यह गुरूद्वारा चारो तरफ हरियाली से घिरा हुआ है। यहां पर सबसे ज्यादा युकलिप्टुस के पेड़ पाए जाते है। यहां आकर पर्यटकों को बागाना लैथईन पिपलु जरूर जाना चाहिए।
यह एक जगह है जो चारों तरफ से खुली है और शहर का शानदार नजारा दिखाती है। सोलह सिंधी धर के शीर्ष पर स्थित इस जगह से गोविंद सागर झील का शानदार दृश्य देखने को मिलता है। यहां का चिंतपूर्णी मंदिर हिंदू धर्म का पवित्र स्थल है। यहां गोविंद सागर झील, सोलह सिंधी धर, भारवेन और शीतला देवी मंदिर भी हैं जहां पर्यटक अपना अच्छा समय बिता सकते हैं ।
ऊना अच्छी तरह परिवहन के विभिन्न तरीकों से जुड़ा हुआ है। यहां प्लेन, ट्रेन और बस से आया जा सकता है। पर्यटक आने के लिए गर्मियों के मौसम को चुनें। मार्च से जुलाई तक ऊना भ्रमण का आदर्श समय होता है।