समुद्र तल से 1158 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उत्तरकाशी एक खूबसूरत जिला है।उत्तराखंड के इस जिले का गठन 24 फरवरी, 1960 को हुआ। इसके उत्तर में हिमाचल प्रदेश और तिब्बत है,जबकि पूर्व में चमोली जिला है। हिंदुओं के लिए यह स्थान बड़ा धार्मिक महत्व रखता है तथा इसे ‘उत्तर का काशी’ एवं 'मंदिरों के नगर' के रूप में भी जाना जाता है।
उत्तरकाशी के आस पास के स्थान
पवित्र शहर उत्तरकाशी गंगा नदी के तट पर स्थित है एवं ऋषिकेश से इसकी दूरी मात्र 145किलोमीटर है। यह स्थान लोकप्रिय धार्मिक स्थलों, गंगोत्री और यमुनोत्री के निकट स्थित है। इस क्षेत्र में खास तौर पर उत्तरकूरू खासों,कीरत,कुनिनडस टंगाना और प्रांटगन जनजातियां रहती हैं।
उत्तरकाशी अपने खूबसूरत मंदिरों के लिए जाना जाता है, तथा प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में भक्त इस पवित्र स्थान पर आते हैं। इस क्षेत्र के प्रसिद्ध मंदिरों में से कुछ मंदिर हैं- विश्वनाथ मंदिर, पोखू देवता मंदिर, भैरव मंदिर, कुटेली देवी मंदिर, कर्ण देवता मंदिर, गंगोत्री मंदिर, यमुनोत्री मंदिर, और शनि मंदिर।
हिंदूओं के देवता शिव को समर्पित विश्वनाथ मंदिर पर्यटकों के मध्य काफी लोकप्रिय है।यह प्रसिद्ध मंदिर उत्तरकाशी के स्थानीय बस स्टैंड से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर है। मणिकर्णिका घाट इस क्षेत्र का एक अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, उत्तरकाशी वही स्थान है जहाँ महान ऋषि जाद भरत ने पश्चाताप किया था। हिंदूओं के धार्मिक ग्रन्थ स्कंदपुराण के केदारखंड में भी इस स्थान का उल्लेख मिलता है।
गंगोत्री से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नन्दनवन तपोवन, विभिन्न पर्वतीय चोटियों जैसे शिवलिंग, थलयसागर, भागीरथी, केदार ताल एवं सुदर्शन का सुन्दर नजारा दिखाता है। उत्तरकाशी-गंगोत्री मार्ग पर स्थित दायरा बुग्याल में भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। यह स्थल 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है तथा स्कीइंग के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है।
समुद्र तल से 3506 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हर की दून एक प्रमुख ट्रैकिंग स्थल है। यह बहुत रोचक है कि यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए कई अतिथि गृह और बंगले उपलब्ध हैं। विश्वनाथ मंदिर के सामने स्थित शक्ति मंदिर भी यहाँ का एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है।इस मंदिर का मुख्य आकर्षण इसमें स्थित एक 26 फुट ऊंचा त्रिशूल है
उत्तरकाशी में समुद्र तल से 3307 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दोदीताल एक सुन्दर झील है। इस जगह को घूमनें के इच्छुक यात्री यहां सड़क मार्ग अथवा ट्रैकिंग द्वारा पहुँच सकते हैं.। यह जगह यमुनोत्री और हनुमान चट्टी की ट्रैकिंग के लिए भी आधार के रूप में कार्य करती है।
इनके अलावा उत्तरकाशी से 13 किमी की दूरी पर स्थित मनेरी,एक नव विकसित पर्यटन स्थल है। अगर समय इजाजत दे तो यात्री नेहरू पर्वतारोही संस्थान की भी यात्रा कर सकते हैं।जिसको वर्ष 1965 में स्थापित किया गया था।इस संस्थान का नाम भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर है,वे पहाड़ों के काफी शौकीन थे। गंगनी, सातताल , दिव्य शिला, और सूर्य कुंड इस क्षेत्र के अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से कुछेक हैं।
उत्तरकाशी कैसे जाएं
उत्तरकाशी के लिए सबसे निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जो यहां से 162 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।इस गंतव्य के लिए ऋषिकेश रेलवे स्टेशन निकटतम कड़ी है। यात्री नजदीकी शहरों यथा देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और मसूरी से उत्तरकाशी के लिए बस सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
उत्तरकाशी जाने का सबसे अच्छा समय
सुखद मौसम की स्थिति के कारण उत्तरकाशी का दौरा साल में किसी भी समय किया जा सकता है। हालांकि, इस पवित्र स्थल की यात्रा गर्मियों एवं मानसून के दौरान करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इन मौसमों के दौरान यहां विभिन्न त्यौहार मनाये जाते हैं।