वैशाली का इतिहास काफी मजबूत है। वैशाली एक सुंदर गांव है जहां आम और केला के बड़े - बड़े बाग और खेत पाएं जाते है। वैशाली पर्यटन, अद्भुत बौद्ध स्थलों के लिए जाना जाता है, यह एक सुंदर गांव है। वैशाली को शुरूआत से ही पर्यटक की दृष्टि से एक विशेष स्थान व अध्याय के रूप में देखा गया है। अगर इसके इतिहास के बारे में बात की जाएं तो वैशाली का उल्लेख, रामायण के काल से होता आ रहा है। महाभारत में भी वैशाली का उल्लेख है।
इस स्थान का नाम यहां के राजा के नाम पर रखा गया है जिन्हे विशाल नाम से जाना जाता था। भगवान महावीर के जन्म से पहले, यह शहर लिच्छवि राज्य की राजधानी हुआ करता था। इस स्थान का गहरा आध्यात्मिक महत्व है, यह एक गणराज्य है जहां भगवान महावीर का जन्म हुआ है। भगवान बुद्ध ने इस स्थल को अपने मार्गदर्शन से यादगार बना दिया।
वैशाली में भगवान बुद्ध के ज्ञान के 100 साल बाद, यहां दूसरे महान बौद्ध परिषद की मेजबानी की गई।कई इतिहासकारों ने इस शहर को 6 वीं शताब्दी में दुनिया का पहला गणराज्य भी बताया, जहां प्रतिनिधियों के रूप में एक निकाय की स्थापना की जाती थी। वैशाली को प्राचीन काल में एक प्रख्यात हब के रूप में जाना जाता था। यहां स्थित लाइफ - साइज खंभे पर भगवान बुद्ध के अंतिम उपदेश और उद्घोषणाएं भी लिखी हुई है।
वैशाली और उसके आसपास स्थित पर्यटन स्थल
वैशाली पर्यटन, धर्म, संस्कृति और पुरातत्व के पहलुओं से भरा पड़ा है। वैशाली पर्यटन के दौरान, अशोकन खंभा, बुद्ध स्तूप, कंदलपुर, राज विशाल का घर, कोरोनेशन टैंक, बुद्धि माई, रामचाऊरा, वैशाली संग्रहालय, विश्व शांति शिवालय आदि का भ्रमण कर सकते है।
वैशाली को वैशाली महोत्सव के कारण जाना जाता है, जिसे भगवान महावीर के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित किया जाता है। वैशाली के पर्यटन में अन्य आकर्षण यहां की मधुबनी पेंटिंग, पत्थर की मूर्तियां और स्थानीय हस्तशिल्प है।
वैशाली आने वाले आंगतुकों को यहां के कला और शिल्प के सामान अच्छे लगते है और इन्हे आसानी से यहां खरीदा जा सकता है। वैशाली के स्थानीय शिल्प, खिलौने, चूडियां आदि लाख के बने होते है। वैशाली में रसेदार लीची रखने के लिए एक सुंदर टोकरी को बनाया जाता है। यहां का शिल्प कौशल सच में एक बड़ी उपलब्धि है।
वैशाली तक कैसे पहुंचे
वैशाली तक सड़क, रेल और हवाई मार्ग द्वारा आसानी से पहूंचा जा सकता है। यह शहर इन तीनों माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां आने वाले पर्यटन आसानी से सभी साइटों पर भ्रमण कर सकते है।
वैशाली की यात्रा का सबसे अच्छा समय
इस शहर का वातावरण, उष्ण कटिबंधीय जलवायु वाला है। वैशाली की सैर का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के दौरान होता है। वैशाली से 35 किमी. की दूरी पर भारत की लीची राजधानी मुजफ्फापुर स्थित है।