वेलंकन्नी, तमिलनाडू के कोरोमंडल समुद्र तट पर स्थित एक आध्यात्मिक स्थल है। हर धर्म और जाति के लोग बड़ी संख्या में यहाँ आते हैं। नागापट्टिनम जिले में स्थित वेलंकन्नी में ‘वर्जिन मैरी’ का पवित्र मंदिर है। इस पवित्र स्थल को वेलंकन्नी की मडोना को समर्पित किया गया है, जिन्हें ‘आवर लेडी ऑफ़ हेल्थ’ (स्वास्थ्य की देवी) भी कहा जाता है। वेलंकन्नी, चेन्नई के दक्षिण में 325 किमी दूर स्थित है और यहाँ आसानी से पहुंचा जा सकता है।
चमत्कारों की भूमि
ऐसा माना जाता है कि वर्जिन मैरी वर्ष 1560 में यहाँ आई थी अत: इस शहर का समृद्ध धार्मिक इतिहास उस समय से अस्तित्व में है। यहाँ के लोगों का ऐसा विश्वास है कि मैरी ने एक गड़रिये से थोड़ा दूध माँगा जिससे वह अपने बच्चे, लार्ड जीसस, की प्यास बुझा सके। इस घटना की याद में यहाँ पर एक गिरिजाघर बनाया गया है। वेलंकन्नी को बहुधा ‘चमत्कारों की भूमि’ भी कहा जाता है।
इसका यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इस शहर में कई चमत्कार होने का दावा किया जाता है। इनमें से एक है; सत्रहवीं शताब्दी के दौरान पुर्तगालियों का एक व्यापारी जहाज बंगाल की खाड़ी में तूफ़ान का सामना कर रहा था। ऐसा कहा जाता है कि उस समय हताश नाविकों ने कसम खाई कि जिस स्थान भी वे सुरक्षित पहुंचेंगे वहां वर्जिन मैरी के नाम पर एक गिरिजाघर (चैपल) का निर्माण करवाएंगे।
स्थानीय मिथकों के अनुसार, तभी तूफ़ान थम गया और यह पुर्तगाली जहाज़ वेलंकन्नी के किनारे पर 8 सितंबर को पहुंचा। 8 सितंबर, वर्जिन मैरी का जन्मदिवस है। अपने किये गए वादे को निभाने के लिए नाविकों ने पहले से ही स्थित गिरिजाघर को पुन: सजाया।
इस चमत्कार के जश्न को मनाने पांच सौ वर्षों से लगभग दो लाख लोग वेलंकन्नी आते हैं। इस समय के दौरान ‘आवर लेडी’ का यह पवित्र स्थल देश का एक सर्वाधिक प्रसिद्ध स्थल बन जाता है।
वर्जिन मैरी की छाया के दो चमत्कार भी यहाँ देखे गए हैं। पहला चमत्कार यह था कि, एक हिंदू लड़के द्वारा ग्राहक को दूध देने के बावजूद लड़के का बर्तन पूरी तरह से भरा हुआ था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसने मैरी को दूध दिया था। दूसरे चमत्कार में यह है कि, वर्जिन मैरी की छाया ने एक अपंग लड़के को ठीक कर दिया क्योंकि उसने मैरी को छाछ दिया था।
दुःख एवं आशा की एक कहानी – सुनामी की तबाही और उसके परे
26 दिसंबर 2004 को इस खूबसूरत शहर पर सुनामी नाम की आपदा आई, जो हिंद महासागर से चली थी। इस आपदा ने इस खूबसूरत शहर को तबाह कर दिया। भगदड़ में कई जिंदगियां खत्म हो गईं। इतिहास में, भारत के दक्षिणी समुद्र तट पर आई इस आपदा को सबसे बड़ी त्रासदी के रूप में याद किया जाएगा। जान माल के अत्यधिक नुकसान के बाद पुनर्निर्माण और लोगों के पुनर्वासन का काम तुरंत ही प्रारंभ किया गया।
आपदा बाद किये गए इन मानवीय प्रयासों से वेलंकन्नी और इसके रहवासियों के जीवन में एक नई चमक आई। इस आपदा के ‘लाइव विडिओ’ सुनामी की निशानी के रूप में मिलते हैं। ये विडिओ उन दुकानों पर मिलते हैं जिन्हें इस प्राकृतिक आपदा में नष्ट होने के बाद पुन: बनाया गया।
वेलंकन्नी और इसके आसपास के पर्यटन स्थल
वेलांकन्नी में देखने योग्य कई स्थल है जैसे कि वेलंकन्नी चर्च, ऑफरिंग (प्रदान की गई) संग्रहालय, श्राइन डिपो और वेलंकन्नी समुद्र तट। इसके अलावा फाउंटेन ऑफ़ रेवेलेशन (रहस्योद्घाटन का फ़व्वारा), होली पथ, लेडी टैंक चर्च भी आप देख सकते हैं। इस शहर में कई आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं जैसे कि एटीएम्, होटल्स, गृह-निवास और रेलवे स्टेशन। श्
राइन डिपो में आप हस्तशिल्प और धार्मिक सामग्री खरीद सकते हैं। इस इमारत में एक सूचना काउंटर भी है जहाँ आप शहर के बारे में, खासकर वेलंकन्नी की लोककथाओं के बारे में जानकारी एकत्रित कर सकते हैं।
वेलंकन्नी कैसे पहुंचे
आप वायुमार्ग, रेलमार्ग और सडक द्वारा आसानी से वेलंकन्नी पहुँच सकते हैं।
वेलंकन्नी जाने का उत्तम समय
वेलंकन्नी जाने का उत्तम समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है।