विशाखापत्तनम,आंध्रप्रदेश राज्य में एक प्रसिद्ध बंदरगाह शहर(पोर्ट टाउन)है|इसे विज़ाग के नाम से भी जाना जाता है| भारत के दक्षिण-पूर्व समुद्र तट पर स्थित विज़ाग, आंध्रप्रदेश का दूसरा बड़ा शहर है। विज़ाग वैसे तो मुख्य रूप से एक औद्योगिक शहर है पर अपने समृद्ध इतिहास और संस्कृति, हरे भरे परिदृश्यों, सुंदर समुद्री किनारों और खूबसूरत पहाड़ियों के कारण यह एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में उभर रहा है।
विशाखापत्तनम को इसका नाम, शौर्य (वीरता) के देवता विशाखा से मिला है। यह शहर पश्चिमी घाट की सुंदर पहाड़ियों के बीच स्थित है, जिसके पूर्वी ओर बंगाल की खाड़ी स्थित है। इस शहर को ‘भाग्य का शहर’ और पूर्वी समुद्री किनारे का गोवा भी कहा जाता है।
इतिहास की एक झलक
पवित्र किताबें यह बताती हैं कि लगभग 2000 वर्ष पहले विज़ाग शहर पर राजा विशाखा वर्मा का राज्य था। इस शहर का उल्लेख रामायण और महाभारत में भी मिलता है। 260 ई. पूर्व यह शहर कलिंग राज्य के अंतर्गत आया और इस पर तब सम्राट अशोक का राज्य था। इसके बाद 1600 ईस्वी तक यह उत्कल राज्य के अंतर्गत था।
इसके बाद इस पर आंध्र के वेंगी राजाओं और फिर बाद में पल्लव राजाओं ने राज्य किया। पंद्रहवीं और सोलहवीं शताब्दी में मुगलों ने भी हैदराबाद के निजाम द्वारा इस पर शासन किया। अठारहवीं शताब्दी में विज़ाग पर फ्रेंच लोगों का शासन था। वर्ष 1804 में विशाखापत्तनम बन्दरगाह के पास अंग्रेजों और फ्रेंच स्क्वाड्रन के बीच लड़ाई हुई और यह शहर अंग्रेजों के नियंत्रण में आ गया।
अंग्रेजों के शासन के दौरान हैदराबाद के बन्दरगाह ने ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए बहु महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ब्रिटिश शासन के दौरान विशाखापत्तनम मद्रास प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। जब भारत स्वतंत्र हुआ तब विशाखापत्तनम भारत का सबसे बड़ा जिला था। बाद में इस जिले तीन जिलों में विभाजित कर दिया गया, श्रीकुलम, विज़िअनगरम और विशाखापत्तनम।
विज़ाग और इसके आसपास के पर्यटन स्थल
विज़ाग यात्रियों के लिए एक स्वर्ग की तरह उभर कर सामने आया है। यहाँ यात्रियों के मनोरंजन के लिए कई प्रकार के संसाधन मौजूद हैं। सुंदर समुद्री किनारे, खूबसूरत पहाड़ियां, प्राकृतिक घाटियाँ और इसके अलावा आधुनिक शहर का बुनियादी ढांचा; यहाँ सभी के लिए कुछ न कुछ है। विज़ाग चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है जैसे कि, श्री वेंकटेश्वर कोंडा, रॉस हिल्स और दरगाह कोंडा।
इन तीनों पहाड़ियों में से प्रत्येक पर तीन अलग अलग धर्मों के पवित्र स्थल मौजूद हैं। वेंकटेश्वर पहाडी पर भगवान् शिव को समर्पित एक मंदिर है, रॉस हिल्स पर वर्जिन मैरी चर्च है और दरगाह कोंडा पर एक मुस्लिम संत बाबा इशाक मदीना का मकबरा है। समुस्र तट जैसे कि ऋषिकोंडा बीच, गंगावरम बीच, भिमली और यारदा बीच शहर के पूर्वी हिस्से की ओर स्थित हैं।
अन्य पर्यटक स्थलों में कैलासगिरी हिल पार्क, सिंहचलम पहाड़ियां, अरकू घाटी, कंबलकोंडा वन्यजीव अभयारण्य, सबमरीन संग्रहालय, वार मेमोरियल और नवल संग्रहालय आदि सम्मिलित है, जिन्हें पर्यटकों को अवश्य देखना चाहिए। आप प्रसिद्ध जगदंबा सेंटर मॉल में खरीददारी के लिए भी जा सकते हैं।
विजाग की ओर यात्रा
विज़ाग का आतिथ्य उद्योग बहुत ही प्रतिस्पर्धात्मक है और यह विश्व स्तर का है। यहाँ कई प्रकार की सुविधाएं मौजूद हैं जिनका आप आनंद उठा सकते हैं और यह आपकी जेब पर जयादा भारी भी नहीं पड़ेगी। अब विज़ाग एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बन गया है इसलिए यात्रियों को यह सलाह दी जाती है कि यहाँ आने से पहले वे अपना आरक्षण अवश्य करा लें ताकि उन्हें परेशान न होना पड़े।
विज़ाग कैसे पहुंचे
विशाखापत्तनम में एक बहुत अच्छी जुड़ी हुई परिवहन प्रणाली है। विशाखापत्तनम का हवाइअड्डा भारत के सभी मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है। हवाईअड्डा शहर के केंद्र से 16 किमी दूर है और यहाँ टैक्सी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। विशाखापत्तनम रेलवे द्वारा भी भारत के सभी शहरों से जुड़ा हुआ है। आप बस या सडक परिवहन द्वारा भी विशाखापत्तनम पहुँच सकते हैं क्योंकि वाइज़ाग दक्षिण भारत के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है और टिकटों की कीमत भी काफ़ी कम है।
विज़ाग का मौसम
विशाखापत्तनम आने का सबसे अच्छा समय, मानसून के बाद के महीने और ठंड में अक्टूबर से लेकर मार्च के बीच का है। इस शहर में गर्मी का मौसम अत्यधिक गर्म होता है और मानसून में भारी बारिश होती है। इस समय मौसम की परिस्थितियां अनुकूल नहीं होती, इसलिए साल के इस समय के दौरान पर्यटकों यहाँ आने की सलाह नहीं दी जाती।
यहाँ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक त्योहार, विशाखा उत्सव मनाया जाता है जो दिसंबर- जनवरी के महीनों में आयोजित किया जाता है। यह समय विज़ाग घूमने के लिए सबसे अच्छा है। प्रत्येक यात्री को विज़ाग अवश्य आना चाहिए।