वारंगल प्लैनेटेरियम (जिसे प्रतापरुदा प्लैनेटेरियम भी कहते हैं)वारंगल में स्थित है और इसका उद्देश्य समाज में अन्तरिक्षविज्ञान के बारे में जनचेतना फैलाना है। प्लैनेटेरियम द्वारा नियमित रूप से आयोजित होने वाले शो ज्ञानवार्धक और मनोरंजक होने के साथ-साथ ब्रह्माण्ड के...
पाखल झील एक मानव निर्मित झील है जो वारंगल शहर के निकट पाखल अभ्यारण्य में स्थित है। 1213 ई0 में ककातिया राजा गणपतिदेव द्वारा निर्मित यह झील 30 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैली है। शानदार अचम्भित कर देने वाले दृश्य के साथ इस स्थान पर लम्बा समय बिताने की सुविधा के साथ...
वारंगल का किला अपने आप में अलग प्रकार का आकर्षण है जिसका पर्यटक आनन्द ले सकते हैं। इसे दक्षिण भारतीय वास्तुकला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण माना जाता है। गणपतिदेव ने 1199 ई0 में किले की शुरुआत कराई लेकिन इसका ऩिर्माण उनकी पुत्री रानी रुद्रामा देवी के समय में 1261ई0 में...
हजार खम्भों वाला मन्दिर एक ऐतिहासिक हिन्दू मन्दिर है जहाँ इष्टदेवताओं के रूप में भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान सूर्य विराजमान हैं। ककातिया राजा रूद्र देव ने इस मन्दिर को 1163 ई0 में बनवाया था और इस धार्मिक संरचना के ऐसा नाम शानदार नक्काशी वाले हजार खम्भों के...
पद्माक्षी मन्दिर एक प्राचीन संरचना है जो 12वीं शताब्दी की है। यह मन्दिर पद्माक्षी देवी को समर्पित है। स्थानीय लोग तथा पर्यटक समान रूप से इसके वास्तुकला की राजसी प्रकृति तथा धार्मिक महत्व की सराहना करते हैं। मन्दिर के प्रवेशद्वार पर ही काले ग्रेनाइट का बना एक चौकोर...
देवी भद्रकाली को समर्पित भद्रकाली मन्दिर देश के प्राचीनतम मन्दिरों में से एक है। चालुक्य वंश के शासक पुलाकेसी द्वितीय द्वारा 625 ईसा पूर्व निर्मित यह मन्दिर भद्रकाली झील के किनारे स्थित है। हिन्दू मान्यता के अनुसार देवी भद्रकाली (काली) को देवी माता के रूप में पूजा...
रॉक गार्डेन वारंगल किला मन्दिर के निकट स्थित है और आराम फरमाने की चाहत रखने वाले यात्रियों को बारी संख्या में आक्रर्षित करता है। रॉक गार्डेन के अन्दर पत्थरों से बने हिरन, जिराफ, शेर और बारासिंघा जैसे कई अन्य संरचनायें देखी जा सकती हैं।प्राकृतिक और जीवंन्त लगने...
गोविन्दाराजुला गट्टा हिन्दू धर्म अनुयायियों का पवित्र स्थान है। एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण के रूप में भगवान राम के समर्पित यह मन्दिर एक पहाड़ी की चोटी (तेलगू भाषा में गट्टा) पर स्थित है जबकि भगवान राम के प्रमुख भक्त भगवान हनुमान का मन्दिर इसके नीचे स्थित है।
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