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1024 रास्‍तों की भूल भुलैया

भूल भुलैया-2 मूवी की हर कोई बात कर रहा है, चलिए एक नज़र डालते हैं लखनऊ की भूल भुलैया के रहस्‍यों पर...
Ajay Mohan
बड़ा इमामबाड़ा
शुरुआत करते हैं उस मिथक से कि इमामबाड़ा ही भूल भुलैया है। दरअसल इमामबाड़ा एक इबादत गृह है, जबकि भूल-भुलैया दीवारों के अंदर से जाने वाले रास्‍ते वो रास्‍ते हैं, जो इमामबाड़ा के अंदर से निकलते हैं।
यहां का सेंट्रल हॉल अपने-आप में एकदम अलग है। इसमें बीच में एक भी पिलर नहीं है। हॉल के ऊपर की ओर बने छज्जे पर माचिस जलाने तक की आवाज़ पूरे हॉल में गूंज जाया करती है। हालांकि यह गैलरी अभी बंद कर दी गई है।
इमामबाड़े का पहला हॉल चाइनीज़ हॉल है, चाइनीज़ प्लेटों का आकार लेकर के इस हॉल को बनाया गया था। इस हॉल में ऊपर रौशनदान हैं वेंटिलेशन के लिए।
इमामबाड़े का दूसरा हॉल इंडियन हॉल है जिसके गुंबद की डिजाइन खरबूजे की डिजाइन जैसी है। इमामबाड़े के गेट को रूमी दरवाज़ा कहते हैं।
इमाम बाड़े के अंदर रौशनी करने के लिए शीशों का इस्‍तेमाल होता था, जो बेल्जियम से लाये गये थे। उनके ठीक सामने कैंडल स्‍टैंड पर जब दीये जलते थे, इससे पूरा इमाम बाड़ा रौशन हो जाता था।
चांदी के जेवरों से सजा घोड़ा
ताजिया रखने के लिए बनीं ताक को बनाने में करबला, ईरान, इराक के आर्किटेक्चर का इस्‍तेमाल हुआ है। यहां रखा घोड़ा चांदी के ज़ेवरों से सजा हुआ है, जिसे हर मोहर्रम पर जुलूस में शामिल किया जाता है।
पूरा इमाम बाड़ा लखौरी ईट से बनाया गया है। प्‍लास्‍टर करने के लिए उरद की दाल, बेल, शहद का शीरा, बादामी रंगा का चूना और मसाला इस्‍तेमाल किया गया है।
इमामबाड़े की दीवारें पंद्रह फुट मोटी हैं, जिनके अंदर से ढाई फीट का रास्‍ता जाता है। इन्‍हीं दीवारों के अंदर करीब 330 फीट लंबी गैलरी है। यही गैलरी दरअसल भूल-भुलैया है।
अब बात भूल भुलैया की
भूल भुलैया के कुल 1024 रास्‍ते हैं। दीवार के अंदर के रास्‍ते इमारत का वज़न कम करने के लिए बनाये गए थे।
सुरंग के नीचे उतरती सीढ़‍ियों के अंत में हौद‍िया है, जिसमें पानी भरा होता है। वहां पर गेट पर घुसने वाले हर शख्‍स की छवि दिखाई देती है। अंदर बैठा व्‍यक्ति बाहर के व्‍यक्ति को देख सकता है, लेकिन बाहर के लोग अंदर नहीं देख सकते।
इमाम बाड़े के अंदर एक कुआं है, जो जल महल का कुआं। पहले कुआं खोदा गया और इसे गामती नदी से कनेक्‍ट किया गया, फिर उस पानी से यह इमारत बनी।
भूल भुलैया के अंदर हर मोड़ पर चार रास्‍ते होते हैं, जिनमें से तीन गलत एक सही होता है। दरअसल इस गैलरी का इस्‍तेमाल दुश्‍मनों पर नज़र रखने व उनको चकमा देने के लिए होता था।
अगर आप जाएंगे तो गाइड भी 10 मिनट के लिए आपको छोड़ देंगे और जब आप भटक जाएंगे तो गाइड मात्र 2 मिनट में आपको बाहर ले आएंगे।
खोने का डर
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