वेलावन मंदिर येलागिरी की पहाड़ियों में सबसे ऊंची चोटियों में से एक पर स्थित है। यह मंदिर भगवान मुरुगन के नाम पर बनाया गया था। मंदिर से पहाड़ी क्षेत्र के सुखद जन जीवन का सुरम्य दृश्य देखा जा सकता है। यहाँ से पहाड़ों के नीचे फैले मैदानों को अच्छा से देखने का मौका...
पुनगनुर झील बनावटी है जिसको यहाँ की खूबसूरती बढ़ाने के लिए और ज़यादा से ज़यादा पर्यटकों को आकर्षित करने बनाया गया था। पुनगनुर झील यहाँ का सबसे बड़ा पर्यटक आकर्षण है। यह झील 56.70 वर्ग मीटर में फैली हुई है और येलागिरी पहाड़ियों के बीच में है।
झील और...
सरकार हर्बल फार्म पुनगनुर झील के पास स्थित है। इस जगह को वन विभाग संचालित करता है और यहाँ कई दुर्लभ जड़ी बूटियों उपलब्ध रहती है जो सिद्दा और आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल की जाती हैं। इन पडों के औषधीय गुणों के कारण, इससे वाणिज्यिक कामो के लिए दावा बनाने के लिए...
निलावूर झील येलागिरी में एक और पर्यटन आकर्षण है जहाँ अक्सर नौकाविहार उत्साही आते है। यह निलावूर गांव में स्थित है। यह छोटी सी झील तालाब की तरह है जिसके किनारों पर एक बगीचे है। झील के पास देवी मंदिर है जो कदवु नाचिय को समर्पित है। शुक्रवार के दिन 11 बजे से 12 बजे...
वेणु बापू सौर वेधशाला, सबसे बड़ा सौर वेधशालाओं में से एक जो येलागिरी के पास जवादी हिल्स, कवलुर में स्थित है। इस वेधशाला में जाने के लिए पूर्व अनुमति ज़रुरत पड़ती है। यहाँ इस वेधशाला में वेणु बाप्पू का टेलिस्कोप रखा हुआ है जो एशिया में सबसे बड़ा मन जाता है। यह...
12 एकड़ भूमि में फैला हुआ नेचर पार्क पुनगनुर झील के नजदीक है। यहाँ के चट्टानी इलाके के अनुकूल पौधों की कई प्रजातियों को इस पार्क में लगाए गए हैं। इस पार्क में एक बनावटी झरना बनाया गया है। इस झरने में नहाने की सुविधा भी उपलब्ध है। इस नेचर पार्क में बच्चों के लिए...
येलागिरी में पहाड़ी पर ट्रेकिंग करने का सबसे अच्छा अनुभव मिलेग। यहाँ पहाड़ी पर ट्रेकिंग करने के सात रस्ते हैं जो आरक्षित जंगलों से होते हुए कई सुन्दर जगहों पर निकलते है जैसे झरने, पहाड़ी की चोटी और वादियों का अतभुत नज़ारा। ट्रेकिंग का सबसे लम्बा रास्ता पुनगनुर से...
कोडाई विज़ाः , समर फेस्टिवल हर साल मई-जून के महीनो के दौरान हर साल मनाया जाता है। इस तीन दिवसिये आयोजन में येलागिरी में रहने वाले जनजातीय आबादी की संस्कृति, रीति रिवाजों और परंपराओं को दर्शाता है। पिछले कई सालों से यह उत्सव पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण बन हुआ है।
...स्वमिमलाई हिल्स केक के आकार का है। ऊंची चोटियों वाली इन पहाड़ियों का नीचे से भी मजबूत आधार है दिखाई देता हैं। इन पहाड़ियों की सबसे ऊंची चोटी जमीनी स्तर से 4338 मीटर ऊपर है। स्वमिमलाई की पहाड़ियां ट्रेकर्स का सबसे पंसदीद मार्ग हैं। स्वमिमलाई ट्रेक मार्ग 6 किमी के...
टेलीस्कोप हाउस येलागिरी हिल्स के नजदीक बनाया गया था पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जिसको वन विभाग ने बनवाया था। पोंनेरी से आते समय घाट रोड पर येलागिरी हिल्स के रास्ते में टेलीस्कोप हाउस का प्रवेश द्वार है। यह जगह तेरहवीं मोड़ पर 1002 मीटर की ऊंचाई पर बना है।...