यरकौड तमिलनाडु की शेवारॉय पहाड़ियों में स्थित है तथा पूर्वी घाटों में स्थित एक हिल स्टेशन है। यह 1515 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है तथा यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और खुशनुमा मौसम बहुत से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यद्यपि यरकौड को कभी कभी गरीब लोगों का उटकमंडलम भी कहा जाता है क्योंकि प्रसिद्ध हिल स्टेशन ऊटी की तुलना में यहाँ चीज़ें अधिक सस्ती हैं।
यरकौड स्थानीय तथा विदेशी पर्यटकों में तीव्रता से लोकप्रिय हो रहा है। यरकौड दो तमिल शब्दों से मिलकर बना है – “येरी” (झील) और “कडू” (जंगल)। यरकौड मुख्य रूप से कॉफ़ी, संतरा, कटहल, अमरुद, इलायची और काली मिर्च के पौधों के लिए जाना जाता है। कॉफ़ी प्रमुख उत्पाद है तथा 1820 में स्कॉटिश कलेक्टर श्री एम. डी. कॉकबर्न अफ्रीका से इसे यहाँ लाए थे। यहाँ एक संरक्षित वन भी है जहाँ के जंगल और वन्य जीवन अपने मूल रूप में स्थित है।
यरकौड के जंगलों में चंदन, सागौन और सिल्वर ओक (सिल्वर शाहबलूत) के वृक्ष बहुतायत में पाए जाते हैं। जंगली जानवरों जैसे भैंसा, हिरन, लोमड़ी, नेवले, सांप, गिलहरी से लेकर विभिन्न पक्षी जैसे बुलबुल, पतंगे, गौरेया और अबाबील भी इन जंगलों में पाए जाते हैं। हालाँकि यरकौड एक हिल स्टेशन है तथा यहाँ कभी भी तापमान बहुत अधिक नहीं होता। अत: पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने साथ बहुत भारी गर्म कपड़े न ले जाएं।
सुंदर दृश्य देखने के अलावा पर्यटक यहाँ ट्रेकिंग भी कर सकते हैं तथा यदि आप मई के महीने में यहाँ की यात्रा कर रहे हैं तो आपको यहाँ के ग्रीष्म उत्सव का आनंद अवश्य उठाना चाहिए जब यहाँ ग्रीष्म उत्सव, नौकाओं की दौड़ (बोट रेस), फूलों और कुत्तों के शो (प्रदर्शन) आयोजित किये जाते हैं। जिन लोगों को इतिहास में रूचि है उनके लिए यरकौड में कुछ ऐतिहासिक स्थान भी हैं। यद्यपि यरकौड के प्राचीन इतिहास के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं है, ऐसा माना जाता है कि तेलुगु राजाओं के शासनकाल में यरकौड का पहला उपनिवेश बना। ब्रिटिश शासनकाल में वर्ष 1842 में सर थॉमस मुरोए ने यरकौड की खोज की जो उस समय मद्रास प्रेसीडेंसी के गवर्नर थे।
हालाँकि यरकौड शॉपिंग के लिए कोई अद्वितीय स्थान नहीं है फिर भी यहाँ पर्यटकों के लिए कुछ वस्तुएं हैं। कुछ लोकप्रिय चीज़ें हैं प्राकृतिक तेल, परफ्यूम, त्वचा की देखभाल के उत्पाद, स्थानीय तौर पर उत्पन्न काली मिर्च के ताज़ा पैक, इलायची और कॉफ़ी। यरकौड में रहने के लिए स्थान ढूंढना आसान है। इसके लिए अनेक विकल्प उपलब्ध है जिनमें बजट होटल से लेकर लक्ज़री रिसॉर्ट या रहने के लिए घर भी शामिल हैं।
यरकौड में तथा इसके आसपास पर्यटन स्थल
विशाल शांत घाटियों और सुंदर परिदृश्य के साथ ही यरकौड में पर्यटन के अन्य कई आकर्षण भी हैं। मंदिरों से लेकर गुफाओं तक तथा पहाड़ों के ऊपर से जल प्रपातों और घाटियों के सुंदर दृश्य पर्यटकों के चेहरों पर खुशी लाते हैं।
यरकौड समुद्र सतह से 4700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है जो पर्यटन का एक प्रमुख आकर्षण है। यहाँ कई विद्यालय और कॉन्वेंट हैं तथा यह स्थान शाम की सैर के लिए भी उपयुक्त है। अन्य प्रमुख आकर्षण लेडीज़ सीट, जेंट्स सीट, चिल्ड्रंस सीट है जो वास्तव में यरकौड पहाड़ियों पर स्थित चट्टानों का समूह है।
ये सीट की तरह दिखते हैं तथा यहाँ से घाट रोड़, मेट्टूर डैम (बांध) और सेलम का दृश्य देखा जा सकता है। एक कहानी के अनुसार इस स्थान से देखे जा सकने वाले सूर्यास्त के दृश्य को देखने के लिए एक अंग्रेज़ महिला अक्सर यहाँ आती थी। इसी के आधार पर इस स्थान का नाम पड़ा। यहाँ एक टॉवर भी है जहाँ एक दूरबीन भी उपलब्ध है जहाँ से दिन के समय दृश्य देखा जा सकता है।
यरकौड के पर्यटन स्थलों में बिग लेक (बड़ी झील), बियर्स केव (भालू की गुफा), लेडीज़ सीट, जेंट्स सीट और चिल्ड्रंस सीट, आर्थर्स सीट, अन्ना पार्क, बोटेनिकल गार्डन(वनस्पति उद्यान), माउंटफ्रंट स्कूल, सेरवरायण मंदिर, श्री राज राजेश्वरी मंदिर और टिप्पेरारी व्यू पॉइंट शामिल हैं।
यरकौड की यात्रा के लिए उत्तम समय
यरकौड की यात्रा के लिए अक्टूबर से जून का समय उत्तम होता है तथा मानसून के मौसम में यहाँ की यात्रा नहीं करनी चाहिए।
यरकौड कैसे पहुंचें
वे पर्यटक जो यरकौड की यात्रा की योजना बना रहे हैं वे रेल, रास्ते या हवाई मार्ग द्वारा यहाँ पहुँच सकते हैं।