कमलाबारी माजुली का एक अहम और प्रतिष्ठित सतरा है। माजुली द्वीप नए वैष्णव धर्म के केन्द्र के रूप में जाना जाता है, जिसे श्रीमंत शंकरदेव ने बढ़ावा दिया था। असमिया में कमला का अर्थ होता है संतरा और बाड़ी का अर्थ होता है बागीचा। कमलाबाड़ी सतरा की स्थापना 1595 में माधवदेव के एक अनुयायी द्वारा की गई थी।
सदियों से कमलाबाड़ी सतरा को कला, संस्कृति और साहित्य के केन्द के रूप में जाना जाता रहा है। यहीं से सत्तरिया नृत्य को प्रसिद्धि मिली और बाद में इसे शास्त्रीय नृत्य का दर्जा दिया गया। हर साल मानसून के समय में सतरा को काफी नुकसान पहुंचता है और माजुली में हमेशा आने वाले बाढ़ से इसका काफी हिस्सा नष्ट हो गया है। कमलाबाड़ी सतरा पौराणिक प्रतिमा बनाने के लिए भी काफी प्रसिद्ध है।
जब मानसून का सीजन न हो और यह द्वीप बाढ़ की चपेट में न हो, तब कमलाबाड़ी सतरा घूमना सबसे अच्छा माना जाता है। सतरा तक पहुंचने के लिए पर्यटक को जोरहट के नीमाती घाट से नाव लेनी पड़ती है।