मलांच निवास एक घर है, जहां 1919 में अगरतला भ्रमण के दौरान नोबल विजेता रविन्द्रनाथ टैगोर ठहरे थे। त्रिपुरा के राजाओं के टैगोर के साथ संबंध काफी अच्छे थे। उन्हीं के निमंत्रण पर टैगोर ने कई बार अगरतला का भ्रमण किया था। 1919 में ऐसे ही एक भ्रमण के दौरान टैगोर कुंजाबन महल के बगल में स्थित कछ हाउस में ठहरे थे, जो महाराजा बीरेन्द्र किशोर माणिक्य बहादुर का निजी आश्रय स्थल था।
कभीगुरू का ऑफिसियल गेस्ट हाउस बनने के बाद कछ हाउस को प्रसिद्धि मिली और आज यह एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। कछ मलांच हाउस को नष्ट करके इसके स्थान पर कंक्रीट के एक दो तल्ले भवन का निर्माण किया गया है। हालांकि जब 1919 में रविन्द्रनाथ टैगोर ने अगरतला का भ्रमण किया था तब इसे मलांच निवास के नाम से नहीं जाना जाता था। कंक्रीट के भवन के निर्माण के बाद इसका नाम मलांच निवास पड़ा।