नंदप्रयाग, उत्तराखंड के चमोली जि़ले में स्थित है। यह अलकनंदा और नंदाकिनी नदियों के संगम पर स्थित है। बहुत से भक्त अपने पाप धोने के लिए इस संगम में डुबकी लगाते हैं। पुराणों के अनुसार, नंदप्रयाग यदुवंश की राजधानी थी।यह पाँच प्रयागों में से एक है जो बद्रीनाथ और...
सैलधर तपोवन, औली से 15कि.मी. दूर स्थित एक छोटा सा गाँव है। यहाँ एक प्राकृतिक गर्म पानी का चश्मा और एक मंदिर है। एक अन्य चश्मा इस जगह से 3कि.मी. दूर सैलधर में है।
समुद्रतल से 23490 फीट ऊपर स्थित त्रिशूल पर्वत, औली का एक प्रमुख आकर्षण है। इस पर्वत का नाम भगवान शिव के त्रिशूल से प्राप्त है। यह जगह भारत-तिब्बती सीमा पुलिस बल के जवानों के लिए ट्रेनिंग का मैदान भी है। एक रहस्यमयी जलाशय, रूपकुंड झील इस पर्वत के नीचे स्थित है। इस...
औली कृत्रिम झील, समुद्रतल से बहुत ऊँचाई पर स्थित है। सरकार द्वारा यह झील कम बर्फबारी के महीनों में स्की ढलानों पर कृत्रिम बर्फ उपलब्ध कराने के लिए बनवाई गई थी। इस झील का पानी स्की ढलानों के साथ रखी स्नो गन्स में भरा जाता है। एक उचित स्की सतह बनाकर यह झील स्की...
समुद्रतल से 3056मी. ऊपर स्थित गुरसो बुग्याल, औली से 3कि.मी. दूर है। यह जगह गर्मियों के दौरान हरेभरे प्रकृतिक दृश्यों के लिए जानी जाती है। यहाँ चारों ओर कोनिफर और ओक के जंगल हैं। जोशीमठ से रज्जुमार्ग के द्वारा यहाँ पहुँचा जा सकता है। आवासीय सुविधाएँ न होने के कारण...
तपोवन से भविष्य बद्री तक पैदल ही पहुँचा जा सकता है। यह जगह एक घने जंगल के बीच स्थित है।समुद्रतल से 2744मी. ऊपर स्थित यह जगह पाँच बद्री तीर्थों में से एक है। बद्रीनाथ, योगध्यान बद्री, आदि बद्री तथा वृद्ध बद्री अन्य तीथ्र हैं। मान्यताओं के अनुसार भविष्य में बुरे...
औली आने वाले यात्रियों के लिए स्कीइंग के बाद ट्रैकिंग एक बड़ी गतिविधि है। विशाल हिमालय क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिए सबसे अच्छी ढलानें हैं। एक ट्रैकिंग रूट 3कि.मी. लंबा है और यहाँ से ट्रैक्रस आसपास के सुंदर नज़ारें देख सकते हैं। इस रूट की समुद्रतल से ऊँचाई 2519मी....
औली में पर्यटकों के लिए स्कीइंग एक लोकप्रिय रोमांचक खेल है। स्कीइंग का पूरा मज़ा लेने के लिए इस जगह की बर्फीली ढलानें सबसे बेहतर हैं। सभी सुविधाओं के साथ नार्डिक स्कीइंग, अल्पाइन स्कीइंग और टेलीमार्क स्कीइंग का आनंद लेने के लिए यह जगह सारी दुनिया में प्रसिद्ध है।...