औरंगाबाद बिहार के सबसे ज्यादा आकर्षक शहरों में से एक है। औरंगाबाद शहर विस्तृत ऐतिहासिक घटनाओं की विरासत के मूल से रिसता है। अपने जीवंत अतीत से अपनी आभा और करिश्मे के बल पर यह शहर यहां आने वाले के दिल पर जादू चला सकता है।
इस शहर का नाम भारत की आजादी की लड़ाई में व्यापक रूप से योगदान के लिये प्रसिद्ध है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने यहां कई साल बिताए। औरंगाबाद आजादी के आंदोलन में एक बड़ी भूमिका निभाने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री सत्येन्द्र नारायण सिंह के पैतृक स्थान होने का गौरव भी रखता है।
औरंगाबाद में और आसपास के पर्यटक स्थल
औरंगाबाद पर्यटन प्राकृतिक रूप से जीवंत दृश्यों से धन्य है, जैसे पुन पुन नदी जो आड़ी है। यह चल्हो और द्वारपाल नाम की पहाड़ियों से घिरी है। ये प्राकृतिक परिदृश्य स्फटिक, गोमेद और गार्नेट जैसे कई बहुमूल्य पत्थरों के स्रोत रहे हैं।
औरंगाबाद पर्यटन स्मारकों, मंदिरों और मस्जिदों सहित पर्यटकों के लिए बेहतरीन स्थल प्रदान करता है। परिवहन के पर्याप्त साधन पर्यटकों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने हैं और उसी की वजह से इस शहर में पर्यटन उद्योग में बढ़ौत्तरी हुई है। पर्यटकों की संख्या हर साल बढ़ रही है।
औरंगाबाद का सांस्कृतिक इतिहास मगध के चारों ओर घूमता है, जो भारत के प्रारंभिक इतिहास का तीन चौथाई भाग है। राजा अशोक और चंद्रगुप्त मौर्य जैसे कई महान शासकों ने इस जगह पर राज किया है। मगधी और हिंदी यहाँ सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है।
औरंगाबाद 1972 में गया से अपने विभाजन के बाद एक स्वतंत्र जिला बना था। यह जगह महान सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती है। यहां की मिट्टी धान, गेहूं और गन्ना की खेती के लिए जिसे उपयुक्त है। सिंचाई योजना ने इस क्षेत्र को कृषि के लिए सबसे उपजाऊ और उपयुक्त बना दिया है.
च्यावान और भ्रिगू जैसे कई संतों ने अपने दिन यहां बिताये, क्योंकि प्राकृतिक सौंदर्य ने उन्हें हमेशा से ध्यान एवं प्रार्थना के लिये उपचुक्त वातावरण दिया। प्रतिष्ठित मुस्लिम संतों की शृंखला से कुछ नाम हैं शाह सदरुद्दीन, सैयद मोहम्मद अल्कादारी बगदादी, शाह जलालुद्दीन कबीर पानीपति और मोहम्मद सईद स्यालकोटि हैं, जिन्होंने इस स्थान को अपने ज्ञान से समृद्ध किया।
औरंगाबाद पर्यटन और इसके शहर के जीवन के मुकुट में एक और गहना दुमुहानी मेला है। यह मेला ओबरा में आयोजित किया जाता है, जिसमें पशुओं की खरीद-फरोख्त होती है। ओबरा में कालीन बुनाई उद्योग खिल हुआ है। यह पुनपुन नदी के तट पर स्थित है, स्थान जो हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है।
औरंगाबाद तक कैसे पहुंचे
यहां आने वाले पर्यटक प्रमुख विकल्पों में से कोई भी चुन सकते हैं। औरंगाबाद को परिवहन के सभी साधनों के तहत अच्छी बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हैं। जगह अच्छी तरह से सड़कों के माध्यम से जुड़ी हुई है और परिवहन के बहुत अच्छे साधनों ने औरंगाबाद के पर्यटन के क्षेत्र में मुख्य रूप सुधार में मदद की है। यह अच्छी तरह से राष्ट्रीय राजमाग 2 और राष्ट्रीय राजमार्ग 98 से जुड़ा हुआ है।
औरंगाबाद की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय
औरंगाबाद जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है, क्योंकि मौसम मौसम बहुत ही सुखद और यात्रा के लिए अनुकूल होता है।
औरंगाबाद मौसम
औरंगाबाद का जलवायु उष्णकटिबंधीय है, ग्रीष्मकाल बहुत गर्म और सर्दियां औसत की तुलना में बहुत ठंडी होती हैं। औरंगाबाद की जलवायु क्षेत्र में बहने वाली पूर्वी हवाओं से प्रभावित है।