शिव – अवन्तिश्वर, अवन्तिपुर का प्रमुख आकर्षण है और इस स्थल की चारों ओर की भारी दीवारों के लिए पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। यह मंदिर अवन्तिपुर के दो प्रमुख मंदिरों शिव – अवन्तिश्वर मंदिर और अवन्तिस्वामी – विष्णु मंदिर में बड़ा है। प्रथम उत्पल राजा सुखवर्मन के पुत्र अवन्तिवर्मन ने विनाश के हिंदू देवता शिव जिन्हें महादेव भी कहा जाता है के सम्मान में इस मंदिर का निर्माण किया।
यह तीर्थ स्थल कई वर्षों तक भूमिगत रहा और बाद में 18 वीं शताब्दी में ब्रिटिश लोगों ने इसे भूमि से बाहर निकाला। खुदाई की जगह से कुछ मूर्तियाँ ब्रिटिश अपने साथ ले गए। इस मंदिर की कुछ कलाकृतियाँ श्रीनगर में स्थित श्री प्रताप सिंह संग्रहालय में देखी जा सकती हैं।
यह मंदिर प्राचीन काल की स्थापत्य शैली को प्रदर्शित करता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में शिव अवन्तिश्वर मंदिर मलबे में तब्दील हो गया है। सुलतान सिकंदर के द्वारा किये गए हमले जिसे बुतशिकन भी कहा जाता है और जिसने इस स्थान पर राज्य भी किया था, के कारण इस मंदिर का विनाश हो गया।
इसके अलावा इसके निर्माण के लिए इस्तेमाल की गई कच्ची सामग्री समय और प्रकृति के हमले सहन नहीं कर सकी।इस मंदिर अनेक देवी देवताओं की मूर्तियाँ विभिन्न रूपों और स्थितियों में देखी जा सकती है। पास से देखने पर पता चलता है कि शिव अवन्तिश्वर मंदिर की दीवारों पर एक बार प्लास्टर की परत चढ़ाई गई है।