समुद्र तल से 807 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बांधवगढ़ पहाड़ इस क्षेत्र का सबसे ऊंचा पहाड़ है। इस पर्वतमाला का निर्माण बलुआ पत्थर और इसमें व्याप्त हुए पानी से हुआ है। यही कारण है कि इस पहाड़ से कई मनोहर झरने और नदी-नाले निकलते हैं। सोन और जोहीला नदी पहाड़ के पूर्वी ओर से गुजरती है। वहीं उमरार नदी पश्चिम की ओर से बहती है।
बांधवगढ़ पर्वतमाला की ज्यादातर चोटी चिपटी है और इसके घास के मैदान दलदलीय हैं। पहाड़ का समतल भाग बांस और साल के पेड़ों से ढंका हुआ है। इस पहाड़ में कुछ कीटभक्षी पौधे जैसे ड्रोसेरा पेलटाटा के साथ-साथ ऑकरस कलामस या बुच भी पाए जाते हैं।
बांधवगढ़ पहाड़ अपने विहंगम प्राकृतिक दृश्यों और ठंडे वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। पहाड़ का जादुई नजारा 30 किमी से भी ज्यादा दूर से दिखाई देता है।