देवा या देवा शरीफ की ख्याति का मुख्य कारण यहां स्थित हाजी वारिस अली शाह का तीर्थ स्थल है। वह एक सूफी संत थे, जो ‘मानवता के लिए सर्वव्यापी प्रेम’ की अवधारणा में विश्वास करते थे। इस तीर्थ स्थल पर उनकी याद में एक महंगा मकबरा भी बनाया गया है।
ऐसा कहा जाता है कि आज जिस जगह पर उस संत का मकबरा है, उसी जगह उनकी मृत्यु हुई थी। उसे उसी स्थान पर दफनाया गया था और उनके अनुयाइयों ने उनकी याद को जिंदा रखने के लिए तीर्थ स्थल का निर्माण करवाया। हाल फिलहाल में बसे इस शहर का वातावरण बेहद शांत है।