चुन्ने मियाँ का लक्ष्मी नरायण मन्दिर बरेली के कटरा मामराय क्षेत्र के कोहारापीर नामक स्थान में स्थित है। यह बुधवारी मस्जिद के पास स्थित है। यह वही क्षेत्र है जहाँ भारत के विभाजन के दौरान पाकिस्तान से आने वाले लोग आकर बसे हैं। लोकप्रिय रूप चुन्ने मियाँ के नाम से जाने जाने वाले मुस्लिम के स्वामित्व वाले स्थान पर उन्होंने मन्दिर का निर्माण कराया। उनका वास्तविक नाम फज़ल-उल-रहमान था।
चुन्ने मियाँ ने अतिक्रमणकारियों पर केस कर दिया था लेकिन जब उन्होंने हरिद्वार से आये श्री हरिमिलापी जी महाराज के प्रवचन को सुना तो वे इतने प्रभावित हुये कि उन्होंने न सिर्फ केस वापस लिया बल्कि मन्दिर की आर्थिक रूप से मदद भी की। इसी के बाद से ही मन्दिर के नाम के साथ चुन्ने मियाँ का नाम जुड़ गया और लोग इसे चुन्ने मियाँ का लक्ष्मी नरायण मन्दिर या सिर्फ चुन्ने मियाँ का मन्दिर बुलाने लगे।
उनका नाम मन्दिर के दान करने वालों की सूची में सबसे ऊपर दर्ज है। मन्दिर का उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद द्वारा 16 मई 1960 को किया गया था।