यह बठिंडा से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस गुरूद्वारे में गुरू नानक देव जी ने श्री जापूजी साहिब के एक लाख पवित्र मार्गो का वर्णन किया था और क्यों कि यहाँ गुरुद्वारा जंगल में हैं इसलिए इस जगह का नाम लाखी जंगल रखा गया। यह माना जाता है कि जो यहाँ पूर्णमासी के दिन पवित्र सरोवर में स्नान कर जापूजी साहिब का नाम लेता है उसकी हर मन्नत पूरी हो जाती है, और इस सरोवर के पानी को अमृत माना जाता है जिसमें स्नान करने से बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं।