इसकी शुरुआत एक शॉपिंग सेंटर के रूप में की गई थी और यहां दो कतार में दुकानें थी। लंबे समय तक यह सामाजिक गतिविधियों, मनोरंजन और शॉपिंग का गढ़ रहा। सिविक सेंटर में बच्चों के लिए एक गार्डन भी था, जिसमें टॉय ट्रेन भी थी। इसे हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के मौके पर खोला जाता था।
हालांकि अब यहां टॉय ट्रेन नहीं है। वहीं गार्डन का इस्तेमाल बच्चों को यातायात संकेत सिखाने के लिए किया जाता है। सिविक सेंटर के पूर्व में स्टेज के साथ एक खुली जगह है। इसे ओपन-एयर थियेटर के नाम से जाना जाता है और इसका इस्तेमाल म्यूजिकल नाइट्स के अलावा विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए होता है।
हालांकि पहले यह एक फिल्म थियेटर था, जिसे चित्र मंदिर के नाम से जाना जाता था। लंबे समय तक यह इस क्षेत्र का एकमात्र वातानुकूलित फिल्म थिएटर था।