प्रथम विश्व युद्ध के बाद, 1922 में बना यह चैल सैन्य पाठशाला बहुत प्राचीन है। किंग जोर्ज 5 के पेट्रियोटिक फंड से दिये गए 250,000 रुपये से इसका निर्माण हुआ। इस पाठशाला के छात्रों को जोर्जीयंस कहा जाता है।
2155 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्कूल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसका क्रिकेट और पोलो मैदान विश्व के ऊँचे स्थित मैदानों में से एक है।