मोरेह मणिपुर का व्यापारिक इलाका है और यह म्यांमार के प्रवेश द्वार का काम भी करता है। मोरेह में पर्यटकों को कई संस्कृतियों का समागम मिलता है और यहाँ पर मणिपुर के कबीले के लोग सीमा पार के कबीले के लोगों के साथ भी शांतिपूर्वक रहते हैं।
मोरेह अपने उदार पंथी आर्थिक नीतियों के कारण आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण शहर के रूप में जाना जाने लगा है। मोरेह को दक्षिण पूर्वीय एसियन राज्यों के प्रवेश द्वार के रूप में भी देखा जा रहा है और अगर जल्द ही ट्रांस एसियन सुपर हाईवे प्रोजेक्ट ख़त्म हो जाता है तो मोरेह आने वाले दिनों में काफी उन्नति करेगा।
अगर पर्यटकों के पास वीसा है तो वह सीमा रेखा पार कर म्यांमार में तमु भी पहुँच सकते हैं। मोरेह में कई व्यापारिक स्थापना भी हो रही हैं। चंदेल के जिला मुख्यालय से करीबन 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मोरेह जबकि राज्य की राजधानी इम्फाल से यह 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मोरेह पहुँचने के लिए पर्यटकों को पहले चंदेल पहुंचना होगा।