जैसा कि नाम से ही जाहिर है, इस म्यूजिम में सिंधू घाटी सभ्यता से वर्तमान समय तक मनुष्य के विकास को प्रदर्शित किया गया है। इसे 1973 में सरकारी म्यूजियम और आर्ट गैलरी के अंग के तौर पर बनाया गया था। इस उत्कृष्ट म्यूजियम में चित्रकारी और पेंटिंग्स के जरिए दिखाया गया है...
सेक्टर 23 के बाल भवन में स्थित इंटरनेशनल डॉल्स म्यूजियम का संचालन इंडियन काउंसिल ऑफ चाइल्ड वेलफेयर, चंडीगढ़ द्वारा किया जाता है। 1985 में इसकी स्थापना बच्चों के मनोरंजन को ध्यान में रख कर की गई थी। इसमें गुड़ियों और कठपुतलियों का दिलचस्प कलेक्शन है।
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सेक्टर 1 में स्थित केपिटल कॉम्प्लेक्स के निर्माण को देख कर कोई भी हैरत में पड़ सकता है। यहां पंजाब और हरियाणा दोनों सरकार की सीट है। यह कॉम्प्लेक्स ली कोरबुसियर के उत्कृष्ट वास्तुशिल्प का नमूना है और इससे चंडीगढ़ के नियोजित शहर होने की भी झलक मिलती है।
...सुखना वन्यजीव अभ्यारण्य सुखना झील के उत्तर-पूर्व में स्थित है। ये सुखना लेक कैचमेंट का ही हिस्सा है और इसका निर्माण ली कोरबुसियर ने 1958 में किया था। हलांकि वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में इसे 1998 में विकसित किया गया। शिवालिक पर्वतमाला की तराई में 2600 हेक्टियर में...
1967 में बना रॉक गार्ड एशिया महाद्वीप में अपनी तरह का सबसे बड़ा गार्डन है। जाकिर हुसैन रोज गार्डन के नाम से भी जाना जाने वाला यह गार्डन 17 एकड़ में फैला हुआ है। यह 17000 तरह के पौधों से भरा हुआ है और यहां 1600 किस्म के गुलाब देखे जा सकते हैं।
गुलाब के...
संभवत: शहर का सबसे चर्चित जगह रॉक गार्डन सेक्टर एक में सुखना झील और केपिटल कॉम्प्लेक्स के बीच में स्थित है। कोई 40 साल पहले नेक चंद द्वारा डिजाइन किए गए इस गार्डन में शहर और उद्योग के कचरों से कई कलाकृतियां बनाई गई हैं।
रॉक गार्डन में वाटरफॉल, पूल और...
नेपली चंडीगढ़ के उत्तरी छोर पर स्थित 3245 हेक्टेयर जंगल का एक हिस्सा है। यह कांसल गांव से कुछ ही दूर है। इसे हरियाणा से लीज पर लिया गया है और यह जंगल कांसल के जंगल से कहीं ज्यादा घना और फैला हुआ है। यहां चिकारा, लकड़बग्घा, सियार, खरगोश और नीलगाय सहित ढेरों वन्य...
चंडीगढ़ के बाहरी क्षेत्र में स्थित कांसल एक छोटा सा गांव है, जिसे पड़ोसी राज्य पंजाब से लीज पर लिया गया है। गांव के पास ही कांसल फारेस्ट नाम से एक विस्तृत नेचुरल रिजर्व है, जहां लकड़बग्घा, चिकारा, नीलगाय, सियार और खरगोश सहित अनेकों जानवर पाए जाते हैं।
...छतबीर जू शहर से 17 किमी दूर चंडीगढ़-जिराकपुर-पटियाला रोड पर मोहाली जिले में पड़ता है। इस जू का उद्घाटन 13 अप्रैल 1977 में किया गया था। पहले इस जू को उस समय पंजाब के गवर्नर ने नाम पर महेन्द्र चौधरी जूलॉजिकल पार्क के नाम से जाना जाता था।
202 एकड़ में फैले इस...
गुरुद्वारा कूहनी साहिब को शुरू-शुरू में बागीचा साहिब के नाम से जाना जाता था। ऐसा माना जाता है कि गुरू गोविंद सिंह जी यहां अपने सिपाहियों के साथ एक हफ्ते के लिए ठहरे थे। पौराणिक कथा के अनुसार, उनके भ्रमण का उद्देश्य माता राज कौर से मिलना था, जो अपने पति राम राय से...
सेक्टर 10 में स्थित सरकारी म्यूजियम और आर्ट गैलरी की ओर भी पर्यटकों का काफी रूझान रहता है। इसकी वास्तुशिल्पीय डिजाइन भी ली कोरबुसियर ने तैयार की थी। इस शानदार भवन में एक बड़ा सा विजिंट रूम, प्राकृतिक संरक्षण प्रयोगशाला, उपशाला, रिजर्व कलेक्शन स्टोरेज, अस्थाई...