देवी करुमारीअम्मन मंदिर चेन्नई के एक उपनगर तिरुवेरकाडू में स्थित है। तिरुवेरकाडू का अर्थ होता है- पवित्र जड़ी बूटी का जंगल। ऐसी मान्यता है कि प्रचीन समय में यह जंगल औषधीय पौधों के कारण काफी प्रसिद्ध था। कई सारे लोग औषधीय पौधे को लेने इस जंगल में आते थे। हालांकि आज इस जगह की प्रसिद्धी देवी करुमारीअम्मन मंदिर के कारण है।
एक प्रचीन पौराणिक कथा के अनुसार देवी करुमारीअम्मन ने अपने आप को एक बूढ़ी बंजारा औरत के रूप में बदल दिया था। अपना भविष्य जानने के लिए वह सूर्य देवता के पास गए। सूर्य देवता यह पहचान नहीं सके कि वह औरत वास्तव में कौन है, जिससे उन्होंने उसे पर्याप्त सम्मान नहीं दिया।
अपनी उपेक्षा से देवी काफी क्रोधित हो गई और वापस आ गई। जैसे ही वह वहां से वापस आई सूर्य ने अपनी रोशनी खो दी और धरती पर अंधेरा छा गया। जब सूर्य देवता को गलती का एहसास हुआ तो वह देवी के पास गया और क्षमा याचना की। सूर्य भगवान ने देवी से कहा कि सप्ताह का सातवां दिन देवीकुमारी दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
साथ ही उन्होंने इस बात की अनुमति मांगी कि उनपर साल में दो बार सूर्य की रोशनी पड़े। तब से देवी के भक्तों द्वारा रविवार का दिन देवीकुमारी दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही मंदिर में रखी देवी की प्रतिमा पर साल में दो बार सूर्य की रोशनी पड़ती है।