दशावतार मंदिर उत्तरी भारत का सबसे पुराना जाना माना मंदिर है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि यह गुप्त काल में बना है। यह मंदिर अब बर्बादी की कगार पर है पर यहाँ आप भगवान विष्णु के दस अवतार के दर्शन कर सकते हैं और यही नहीं मंदिर के दरवाज़े पर आप गंगा और यमुना देवियों की नक्काशी की गयी है और वैष्णव पौराणिक कथाओं की पट्टी पर नक्काशी भी की गयी है।
मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ती नर नारायण तपस्या के आकार में है और दूसरी मूर्ती है जिसमें वह एक नाग पर लेटे हैं। यह मंदिर हिन्दू श्रद्धालुओं को पूरे साल खासकर त्यौहार के समय भारी मात्रा में अपनी ओर आकर्षित करता है। उत्तरी भारत में स्थित यह पहला मंदिर है जिसमें शिकारा की सुविधा है जबकि अब काफी कुछ विलुप्त होता जा रहा है।