बेटवा नदी के किनारे, देवगढ़ किले के नज़दीक कई सारे पुराने जैन मंदिर हैं और कुछ तो 8वीं या 9वीं शताब्दी के हैं। यह मंदिर किले के अन्दर और बाहर स्थित हैं। यह भव्य मंदिर खुदाई के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है और प्राचीन भारत के स्मारकों की श्रेष्ठता को दर्शाता है। मंदिर के दीवार पर सुन्दर भित्तिचित्र बने हैं जो जैन कला और संस्कृति को दर्शाता है। यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बने हैं।
संग्राहालय के सर्वेक्षण से पता चला है है कि 31 जैन मंदिर का अर्थ निकाला गया है। यह सारे मंदिर इस जगह पर बने हिन्दू मंदिरों के बाद बने हैं। उस समय के अनुसार जब यह बने थे इनको दो समय काल में बांटा गया है: शुरूआती मध्यकालीन काल और मध्यकालीन काल।
जैन समुदाय के लिए जैन मंदिर महत्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। यह भारत और पूरे देश से शोधकर्ताओं को भी आकर्षित करते हैं।