द्वारका में इस स्थान पर एक छोटा तालाब है। और ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण यहाँ गोपिकाओं के साथ रासलीला खेलते थे। द्वारका शहर से उत्तर की ओर 20 किमी. की दूरी पर स्थित इस तालाव के किनारे की रेत अत्यंत नरम है और पीले रंग की है जिसे गोपी चंदन कहा जाता है जिसका उपयोग भक्त तिलक लगाने के लिए करते हैं।
इस गोपी तालाव से जुड़ी हुई अनेक कथाएं हैं। इनमें से एक के अनुसार गोपियाँ जिनके साथ भगवान वृंदावन में रास नृत्य करते थे, कृष्ण के द्वारका आ जाने पर वे गोपिकाएं कृष्ण से दूरी सहन नहीं कर सकी और इसलिए प्रत्येक पूर्णिमा को यहाँ इस तालाव के किनारे आकर उनके साथ नृत्य करती थी।