गाजियाबाद जिले के अंतर्गत आने वाला अजरारा गांव ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यह गांव इस क्षेत्र से बहने वाली काली नदी के किनारे पर बसा है। यह गांव अपने तहसील मुख्यालय खरखोदा से करीब 7.5 किमी दूर है। इस गांव का नामकरण एक योगी अजयपाल के नाम पर हुआ है। उन्होंने यहां मंदिर का निर्माण करवाया और उसका नाम अजयपारा रखा।
लेकिन पर्यटक किसी अन्य कारण से इस गांव की ओर आकर्षित होते हैं। यह गांव कई मशहूर तबला वादकों का घर है, जिन्होंने तबला वादन की एक घराना शैली को विकसित किया। अब इस शैली को इस गांव के नाम के आधार पर यानी ‘अजरारा घराना’ के नाम से जाना जाता है।
तबला वादन के अजरारा घराना शैली को दो भाई मीरू खान और कल्लो खान ने विकसित किया था। उन्होंने इस कला को दिल्ली घराना के उस्ताद सितब खान की देखरेख में सीखा था। इन दो भाईयों की जोड़ी ने तबला वादन में इस हद तक दक्षता हासिल कर ली कि अजरारा घराना देश में तबला वादन के 6 प्रमुख शैली में से एक हो गया।