गाजियाबाद से करीब 23 किमी दूर ऐतिहासिक गांव धौलाना मेरठ-हापुड़-बुलंदशहर रोड पर गुलाओठी में स्थित है। एक दंतकथा के अनुसार इस गांव की स्थापना एक राजपूत मुखिया धौल सिंह सिसौदिया ने की थी और इसी के नाम पर इस गांव का नामकरण भी हुआ। 1780 में सिखों ने यहां आक्रामण कर इसे अपने अधीन कर लिया।
1857 में आजादी की पहली लड़ाई में इस गांव का उल्लेखनीय योगदान रहा। लाला झंकूमल के नेतृत्व में यहां के 14 बहादुर राजपूत को अंग्रेजों ने आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाने के कारण फांसी दे दी। उनकी शहादत के 100 साल बाद 1957 में यहां के निवासियों ने अपने नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद स्मारक का निर्माण करवाया।
इस गांव में सती मलिंदी देवी का एक मंदिर भी है। यह मंदिर यहां के स्थानीय और आसपास के लोगों के लिए काफी पूजनीय है। मंदिर में हर साल एक मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालू आते हैं।