पलवल,कपास का केन्द्र, हरियाणा के पलवल जिले में स्थित है।यह दिल्ली से 60 किलोमीटर दूर स्थित है। पांडवों के शासनकाल में,पलवासुर नाम का एक असुर था जिसके नाम पर इस जगह का नाम पड़ा है। इंद्रप्रस्थ के पाण्डव राज्य के एक भाग के रूप पलवल का उल्लेख महाभारत में मिलता है। दानव पलवासुर को भगवान कृष्ण के भाई बलराम ने मारा था। राजा विक्रमादित्य का भी यही स्थान था।
ब्रिटिश काल के दौरान, यह पंजाब और गुड़गांव दोनों क्षेत्रों से सम्बन्धित था। ऐतिहासिक दृष्टि से भी पलवल महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई स्वतंत्रता सेनानियों नें भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। हर साल यहां बलदेव छत का मेला नामक एक उत्सव का आयोजन किया जाता है। बलराम को समर्पित दाऊ जी नाम का एक मंदिर भी यहां है। यह मंदिर पलवल नगर चौक के पास स्थित है।
पलवल देश में कपास के सबसे महत्वपूर्ण उत्पादकों में से एक है। यहाँ से कपास की आपूर्ति देश भर की जाती है।
पलवल तथा आसपास के पर्यटक स्थल
प्रसिद्ध हिंदू मंदिर पंचवटी यहाँ स्थित है। इसका हिंदू धर्म में उच्च प्रतीकात्मक महत्व है। अन्य प्रमुख मंदिरों में भगवान परशुराम मंदिर कुलीन, जागेश्वर मंदिर, दाउ जी मंदिर,कमेटी चौक पर देवी मंदिर,श्रद्धानन्द पार्क, डी पार्क, तिकोना पार्क, पंचायत भवन हैं। यहां स्थित कई अन्य पार्कों में किले वाला पार्क, टंकी वाला पार्क, बाल भवन, डीजी खान हिंदू, ताऊ देवीलाल पार्क (टाउन पार्क), दशहरा ग्राउंड पार्क और हुडा पार्क सम्मलित हैं।
पलवल मौसम
मानसून के मौसम को छोड़कर पलवल की जलवायु सूखी रहती है।
पलवल तक कैसे पहुंचे
पलवल सड़क, रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।