वरिनग 1876 मीटर ऊँची पीर पंजल श्रेणी और बनीबल पास की तलहटी पर स्थित है। इसका नाम महान हिन्दू विद्वान कश्यप ऋषि के बेटे नील नग के नाम पर रखा गया है। इस के निर्माण की शुरुआत शाहजहाँ ने किया था।1620 में मुग़ल साम्राज्य के सम्राट जहाँगीर ने इस गौल आकार फव्वारे को निकाल कर यहाँ अष्टकोन आकार का फव्वारा स्थापित किया।
इस फव्वारे के पास शाहजहाँ ने उद्यान वन और विश्रामग्रह का निर्माण किया, जिसके लिए सारा सामान ईरान से मंगवाया गया। इस फव्वारे का पानी साफ और गर्म तो है ही, साथ ही इसमें कुछ औषधीय तत्व भी मौजूद है। 15 मीटर गहरा और 80 मीटर परिधि के इस फव्वारे के आस पास कई सुन्दर देवदार के पेड और रंग बिरंगे फूल है। इस जल स्रोत का प्रमुख स्रोत झेलम नदी है। इसी के पास मुग़ल खेमा और स्नान घर है।