बारामुला जिला जम्मू और कश्मीर राज्य के 22 जिलों में से एक है जिसे आगे 8 तहसीलों और 16 खण्डों में बांटा गया है तथा जो लगभग 4190 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह जिला पश्चिमी तरफ से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ अपनी सीमाओं को बांटता है। बारामुला, कुपवारा शहर के दक्षिण में और पुंछ और बुदगाम के उत्तर में स्थित है और श्रीनगर और लद्दाख इसकी पूर्वी ओर हैं।इस प्राचीन शहर की स्थापना ईसा पूर्व 2306 में राजा भीमसिना द्वारा की गई।
सन 1508 में महान मुगल शासक अकबर ने इस स्थान का भ्रमण किया था। यहां की खूबसूरती से प्रभावित होकर अपनी कश्मीर घाटी की यात्रा के दौरान जहांगीर ने यहीं रहने का फैसला किया। प्रसिद्ध चीनी यात्री हवेन्सांग ने भी एक बार बारामुला जिले का दौरा किया था।इस जिले का नाम संस्कृत के दो शब्दों ‘वराह’ जिसका अर्थ है सूअर और ‘मूल’ जिसका अर्थ है दाढ़ तथा जिसका संयुक्त रूप से अर्थ है ‘सूअर दाढ़’।
इस स्थान के पीछे जो किवदंती है वह कश्मीर के प्राचीन महाकाव्य निलमठपुराण में लिखी गई है। महाकाव्य के अनुसार कश्मीर का क्षेत्र वास्तव में एक झील सतीसरा था जो एक राक्षस जलोभव के अधिकार में थी। इस राक्षस का नाश करने के लिए संरक्षण के हिंदू देवता विष्णु ने सूअर का रूप लिया और अपनी दाढ़ के द्वारा पहाड़ में एक छेद करके पानी के प्रवाह को बाहर निकला।
बारामुला पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र क्यों है?
बारामुला पर्यटकों के बीच अपने गुरुद्वारों, मंदिरों, मठों और मस्जिदों के लिए प्रसिद्द है। इस क्षेत्र की यात्रा के दौरान पर्यटकों को गुलमर्ग की यात्रा अवश्य करनी चाहिए जो समुद्र सतह से 2730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस शहर का वास्तविक नाम गौरीमर्ग था परंतु बाद में 16 वीं शताब्दी में इसका नाम गुलमर्ग हो गया जिसका अर्थ है फूलों की घाटी।
गुलमर्ग अपने गोल्फ कोर्स के लिए भी जाना जाता है जिसे विश्व का सबसे ऊंचा हरा भरा गोल्फ कोर्स घोषित किया गया है। इस गोल्फ क्लब का प्रबंधन जम्मू और कश्मीर पर्यटन विकास निगम (जेकेटीडीसी) को सौंपा गया है। गोल्फ कोर्स के अलावा पर्यटक गुलमर्ग के अन्य प्रसिद्द स्थान जैसे खिलनमर्ग, अच्चाबल, गंडोला लिफ़्ट, तन्मर्ग, वेरीनाग और गुलमर्ग बायोस्फियर रिज़र्व भी देख सकते हैं।
इस जिले का पर्यटन का एक अन्य आकर्षण परिहसपोरा शहर है। राजा शंकर वर्मन के शासनकाल के दौरान यह शहर कश्मीर की राजधानी था। यात्री अक्सर पुरातात्विक स्मारकों जैसे परिहसपोरा पट्टन और पट्टन बाज़ार के लिए परिहसपोरा की यात्रा करते हैं। पर्यटक विष्णु तीर्थ स्थलों, राजभवन और 1914 में खुदाई के दौरान पाए गए चैत्य का भी भ्रमण कर सकते हैं।यदि समय हो तो पर्यटकों को वूलर झील, मानसबल झील और अल्पथेर झील घूमने के सलाह भी दी जाती है।
बारामुला में हैं कई धार्मिक स्थान
बारामुला में कई धार्मिक स्थान भी हैं जैसे तन्मर्ग में स्थित ज़यारत बाबा रेशी, सोपोर में स्थित ज़यारत तुज्जर शरीफ़, अह्मद्पोरा में स्थित इमामबाड़ा गूम और ज़यारत जांबाज़ वली आदि। वात्लब में स्थित ज़यारत दस्तगीर साहिब, ज़यारत बाबा शकूरुद्दीन और बांदीपोरा में स्थित ज़यारत अहीम शरीफ़ अन्य प्रसिद्द धार्मिक स्थानों में से हैं। यदि समय अनुमति दे तो पर्यटकों को शिव मंदिर जिसे महारानी या मोहिनेश्वर शिवालय भी कहा जाता है भी देखना चाहिए।
इस मंदिर का निर्माण 1915 में कश्मीर के राजा, महाराजा हरि सिंह की पत्नी मोहिनी बाल सिसोदिया द्वारा किया गया। यहां विनाश के हिंदू देवता शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती की मूर्तियां हैं। हिंदू और मुस्लिम धार्मिक स्थलों के अलावा यात्री यहां सिख मंदिर, चट्टी पदशाही की यात्रा कर सकते हैं।नदियों, पहाड़ों, घाटियों, झीलों, झरनों और जलप्रपातों की उपस्थिति बारामुला को उन लोगों के लिए आदर्श स्थान बनाती है जो प्रकृति की गोद के बीच समय बिताना चाहते हैं।
कैसे जाएं बारामुला
वे यात्री जो बारामुला की सैर की योजना बना रहे हैं वे परिवहन के किसी भी साधन जैसे एयरवेज़, रेल और रास्ते द्वारा यहां पहुंच सकते हैं। इस स्थान की सैर के लिए आदर्श समय अप्रैल से जुलाई तक होता है जब यहां गर्मी का मौसम होता है। वे पर्यटक जो स्कीइंग का आनंद उठाना चाहते हैं उन्हें ठंड के प्रारंभ के दिनों में इस स्थान की सैर करनी चाहिए।