रविन्द्रनाथ टैगोर को साहित्य का गुरूवार कहा जाता है जिन्होने भारतीय राष्ट्रगान लिखा था, जो इस संग्रहालय में उनको श्रद्धांजलि देते हुए रखा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से इसे चित्रभानू कहा जाता है, यह स्थल टैगोर जी स्मृतियों के रूप में प्रसिद्ध है और यहां व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र भी चलाएं जाते है।