बेलघर फुलबनी से 155 किमी दूर स्थित है और समुद्र तल से 2555 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। विशाल पहाड़ों के उपहारों से युक्त, घने जंगल और उत्तम वन्य जीवन के साथ, बेलघर अपने आदिम निवासियों 'कुटिया खंडास' के लिए जाना जाता है। बेलघर अभयारण्य वनस्पतियों और जीवों विशेष...
चाकापाड़ा फुलबनी से 55 किलोमीटर दूर स्थित है और कंधमाल के धार्मिक स्थलों में से एक है। सैविस्म इस जगह का प्रमुख धर्म है। यहां भगवान शिव को भगवान बीरुपक्ष्या के रूप में पूजा जाता है। एक प्राचीन और पवित्र नदी भूटागंगा के तट पर बना मंदिर में साल भर तक...
कलिंग फुलबनी से 48 किलोमीटर दूर स्थित है और अपनी टेढ़ी-मेड़ी सड़कों के लिए प्रसिद्ध है। सड़कें ऊंची पहाड़ियों के चारों ओर एक सांप की तरल लिपटी हुई प्रतीत होती हैं और उन पर जो कोई भी ड्राइव करता है उसे एक अद्भुत अनुभव प्राप्त होता है, जो पृथ्वी पर कहीं नहीं...
पुटुदी झरना कंधमाल के प्रशासनिक मुख्यालय फुलबनी से 15 किमी दूर पर स्थित है। घने जंगल, पहाड़ों की बंजर चट्टानों के बीच से करीब 100 मीटर की ऊंचाई से झरने बड़ा सलुंकी नदी में गिरते हैं। शहर के शोर-शराबे से दूर एकांत जंगलों में स्थित यह जगह मन को मोह लेने वाले मनोरम...
दरिंगबाड़ी कंधमाल के पर्यटन स्थानों की सूची में सबसे ऊपर है। फुलबनी से 100 किमी की दूरी पर स्थित है, दरिंगबाड़ी 915 मीटर की ऊंचाई स्थित है। दरिंगबाड़ी अपने विशाल देवदार के जंगलों, कॉफी बागानों और सब्ज़ घाटियों के लिये भी प्रसिद्ध है, जिनकी वजह से इसे 'उड़ीसा का...
कटरामल फुलबनी से 35 किमी दूर स्थित है। कटरामल उत्तम प्राकृतिक उपहार की एक जगह है। यहां रसीली हरी लकड़ी के बीच में एक झरना बहता है जो पानी की एक पूल में गिरता है। कटरामल को जाने वाली सड़क ऊबड़-खाबड़ है, जिस पर कई सारे खुले पत्थर पड़े होते हैं। ड्राइव अच्छी तरह...
लूडू झरने फुलबनी से 165 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह कोटागढ़ वन्य अभारण्य के अंदर कई छोटे-छोटे झरनों के साथ स्थित है। एक विशाल झरना है, जिसके चारों ओर घने और हरे जंगल और पथरीली पहाड़ियां स्थित हैं। लुडू झरने के लिये ड्राइव करना काफी थकान भरा हो सकता...
फुलबनी कंधमाल का प्रशासनिक मुख्यालय है। यह जगह विविध प्रकार के वनस्पतियों और जीवों से भरे ताज़ा-तरीन जंगलों और विशाल पहाड़ों को उपलब्ध कराता है। फुलबनी कई छोटे और बड़े झरनों से युक्त है। हरे भरे जंगलों के बीच से बारहमासी बहने वाली सलुंकी नदी पहाड़ों के...
पाकड़डाराह फुलबनी से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 30 मीटर की ऊंचाई से पानी गिरता है। यह सुरूरकुंपा गांव के पास पनीसल और भागीपाड़ा रोड पर स्थितं है, जहां सड़कें खराब हैं। यह जगह हरे भरे जंगल और बुलंद पहाड़ियों के बीच बसी है। घनी हरियाली की पृष्ठभूमि पर गिरते...
बलासकुंपा फुलबनी से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह बरालादेवी के मंदिर की वजह से प्रसिद्ध हुई। मां बरलादेवी कंधमाल की पीठासीन देवता हैं और मानवता की रक्षक मानी जाती हैं। दशहरा यहां पर वृहद स्तर पर मनाया जाता है, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु...