कानपुर मेमोरियल चर्च का निर्माण अंग्रेज़ सरकार ने 1875 में कानपुर की घेराबंदी के दौरान मारे गए अंग्रेजों की याद के स्वरुप किया था, उस समय इस शहर को कावनपुर कहा जाता था। यह चर्च पहले ऑल सोल्स कैथेड्रल के नाम से जाना जाता था, अलबर्ट लेन पर कानपुर क्लब के पास कानपुर छावनी के केंद्र में स्थित है।
लाल ईंटों से लौम्बोर्ड संरचना में बने इस चर्च का नियोजन और डिज़ाइन पश्चिम बंगाल रेलवे के एक ब्रिटिश वास्तुकार वाल्टर ग्रानविले द्वारा किया गया। इसके एक किनारे पर कब्रिस्तान है जिसमें ब्रिटिश लोगों और सिपाहियों की कब्रें हैं। इस चर्च के पूर्वी भाग में एक स्मारक गार्डन (उद्यान) भी है जहाँ दो दरवाजों से पहुंचा जा सकता है।
इसमें एक नक्काशी की हुई स्क्रीन है और इसके केंद्र में एक देवदूत की मूर्ति है जिसकी भुजाएं एक दुसरे के ऊपर से गयी हैं तथा जो एक तोरण पकडे हुए है जो विश्व शांति का प्रतीक है। इसका निर्माण मूर्तिकार बारों कार्लो मारोचेट्टी ने किया था।